Wednesday, 6 July 2016

जौं का सत्तू आपके लिये अमृत है

मित्रों नमस्कार!ध्यान दें कि यदि आप किसी भी  प्रकार के मूत्र,गुर्दा रोग,कोई भी पेट रोग आदि से पीडित हैं तो"जौं का सत्तू आपके लिये अमृत है"                              जौं की उत्पत्ती लगभग 13 हज़ार वर्ष पूर्व धरती पर हुई व तभी से महाऋषि चरक ने कठिन से कठिन गुर्दा-मूत्र रोगों मे इसका उपयोग लिख दिया थाl जौं आयुर्वेद के गुण कर्मानुसार मधुर व कषाय रस वाला होता हैl यह मूत्रल(पेशाब बढाने वाला)व लेखन(जमे हुए अवांछनिय मल को खुरचने वाला)होता हैl आजकल ग्रीष्म काल में जौं का सेवन विभिन्न प्रकार से करना हितकर हैl                                                               📌शुगर रोगी- कितना भी पुराना कठिन से कठिन शुगर रोगी अन्य सहायक औषधियोँ के साथ यदि मिट्टी के तवे पर बनी जौं की रोटी का सेवन करे तो शुगर नियन्त्रित नही पूर्णतया ठीक हो सकती है क्योंकि जौं में अग्नाश्य व गुर्दे के मृत हुई कोशिकाओं को पुन: जीवित करने की क्षमता है व मिट्टी के तवे से बनने पर जौं के 98% पोशक तत्व बने रहते हैंlशुगर रोगी जौं को सत्तू के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें उसमे चीनी नही नींबू निचोडे,एक ग्लास पानी में 2 चम्मच सत्तू घोलकर                                                  📌हाई बी.पी रोगी- एक ग्लास पानी में एक चम्मच जौं का सत्तू,आधा -आधा चम्मच रात भर का भीगोकर पीसा हुआ   पोस्त दाना व धनिया,सुबह उठकर सेवन करेंl                                                          📌सौ बात की एक बात- किसी भी प्रकार क कठिन से कठिन  मूत्र व गुर्दा रोग(गुर्दा फ़ेल तक),पथरी आदि में अन्य उपचारक औषधियों के साथ जौं का सत्तू,आटे का सेवन करेंगे तो शरीर तो क्या आत्मा भी शुद्ध हो जाएगीl इस ही कारण से हिंदू संस्कृति में जौं के आटे के बने पिंड का दान दिया जाता हैl                                              📌गहन अध्ययन के बाद अब अरंडी के तेल में भुने जौं फ़िर गर्म पानी से धोकर-सुखाकर, छडने आदि के बाद पीसा-छाना गया  जौं का सत्तू कठिन से कठिन सभी पेट रोग में भी अति लाभकारी होगाl                                                   📌ध्यान रखें- छोटी मोटी पथरी निकालने के लिये डा. आजकल  बीयर का सेवन बता देते हैं जिसका कारण इसका जौं द्वारा बनना है लेकिन आजकल यह जौं से नही बल्कि कृत्रीम पदार्थो से बनती है व इस तथ्य को आधुनिक विधा के चिकित्सक नही जानते इसलिये पथरी निकालने के लिये ताम्सिक-नशीले पेय बीयर का सेवन न करें .पैसे की बर्बादी और नशे के अलावा इससे कुछ नही होगाl                                👌शरीर को और अधिक ठंडक व दिमाग को ताजगी देने वाला परिश्कृत रूप में ब्राह्मी व शंखपुष्पी युक्त जौं का सत्तू व मिट्टी का तवा ना आय-ना हानि के आधार पर मेरे यहाँ उपलब्ध हैl(कोरियर द्वारा मँगाने के लिये मेरे निज़ी नं.पर सम्पर्क करें)                                                        🙏अमृतमयी जौं का सत्तू पीने के लिये हर मंगलवार आप मेरे डा. निशान्त गुप्ता दवाघर,गांधी चौक,शामली पर आमंत्रित हैं                                                               🙏🙏गुर्दे खराब करने वाले हानिकारक कोल्ड-ड्रिंक को ना कहिये,जौं के सत्तू को हाँl पीकर तो देखें जिन्दगी बदल जाएगीlस्वादानुसार गन्ने के रस,मट्ठा,रुह-अफज़ा आदि में पियें

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