Tuesday, 5 July 2016

नाभि मे छुपा है सेहत का राज


हमारी नाभि का सीधा सम्बन्ध हमारे चेहरे से होता है.चहरे की समस्याओ के
लिए सरल इलाज़ करें-

1 मुँहासे हो तो नीम का तेल नाभि में लगाये.

2 होठ फटते हैं तो सरसों का तेल नाभि में लगाये

3 चेहरे में चमक लाने के लिए बादाम का तेल लगाएं /
4 चेहरे को मुलायम रखने के लिए शुद्ध देशी घी नाभि में लगाये /
5 चेहरे के दाग़ धब्बे मिटाने के लिए नीम्बू का तेल नाभि में लगाये /
6 चेहरे पर सफ़ेद चकत्ते (ललौसी) हैं तो नीम का तेल नाभि पे लगाएं /
7 पीरियड्स में दर्द हो तो ब्रांडी को कॉटन में भिगोकर नाभि में रखें /
ऊपर बताये गए तेलों को रुई में भिगोकर भी नाभि में रख सकते हैं और ऊपरसे बैंडेज या मेडिकल टेप लगा लें /
डायबिटीज अब उम्र, देश व परिस्थिति की सीमाओं को लांघ चुका है। इसके मरीजों का तेजी से बढ़ता आंकड़ा दुनियाभर में चिंता का विषय बन चुका है। जानते हैं कुछ देशी नुस्खे मधुमेह रोगियों के लिए -

नीबू: मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नीबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है।

खीरा: मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।

गाजर-पालक : इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।

शलजम : मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं।

जामुन : मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में खूब करना चाहिए।

जामुन की गुठली संभालकर एकत्रित कर लें। इसके बीजों जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। गुठली का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम हो
* शहद (honey) में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें। 
* मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए। 
* छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने चाहिए।
* अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंह में रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। 
* अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं। 
* सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बना लीजिए, इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटिए, इससे मुंह के छाले समाप्त हो जाएंगे।
* पान के पत्तों का रस निकालकर, देशी घी (desi ghee) में मिलाकर छालों पर लगाने से फायदा मिलता है और छाले समाप्त हो जाते हैं।
 * नींबू के रस (leon juice) में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से मुंह के छाले दूर होते हैं। 
* ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन कीजिए, इससे पेट साफ होगा और मुंह के छाले नहीं होंगे।
जनहित में ....
🌟 राजस्थान में मेड़तासिटी से 35 km दूर स्थित गाँव बुटाटी धाम है...
🙏यहाँ चतुर दास जी महाराज जी की समाधि पर लकवे के मरीज़ों का इलाज़ किया जाता है..
👌मरीज़ मात्र 7 दिन में स्वस्थ हो जाते हैं । यहाँ रहने के लिए कमरे व भोजन का सारा सामान ट्रस्ट की ओर से फ्री मिलता है ।
😌 कृपया इस सूचना को हर एक ग्रुप में भेजो, शायद किसी को लाभ मिल जाये ।

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