जीवन में लगभग सभी को कभी न कभी एक बार मुंह में छाले अवश्य ही हुआ होगा -इसका दर्द तो केवल वही जानता है जिसे कभी मुँह में छाले हुए हों-
मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं-
मुँह में छाले होना एक सामान्य तकलीफ है जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है कुछ लोगों को ये छाले बार-बार होते हैं और परेशान करते हैं ऐसे लोगों को अपनी पूरी डॉक्टरी जाँच करानी चाहिए, ताकि उनके कारणों का पता लगाकर उचित इलाज किया जा सके-
मुँह में छाले होने के कोई एक नहीं बल्कि अनेक कारण हैं ये जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक को छाले हुए हों दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हों कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं-अत्यधिक मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है- क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है तो उसकी प्रतिक्रिया मुँह के छाले के रूप में प्रकट होती है-
भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले पड़ जाते हैं पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं- मुंह में छाले हो जाने पर मुंह में बार-बार लार आता रहता है- कभी-कभी मुंह के छालों से पीब भी निकलने लगती हैं- मुंह को ढकने वाली झिल्ली लाल, फूली और दर्द या जख्म से भरी होती है- इसमें जीभ लाल, फूली हुई और दांत के मसूढ़े फूले हुए होते हैं- तालुमूल में जलन होती रहती है- इस रोग में भोजन चबाने पर छाले व दानों पर लगने से दर्द होता है- पानी पीने व जीभ तालू में लगने से तेज दर्द होता है-
जब पेट के अंदर गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है तो जीभ की ऊपरी परत पर छाले उभर आते हैं। ऐसा उस दशा में होता है जब हम खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। गर्म पदार्थों में आलू, चाट, पकौड़े, अदरक, खट्टी मीठी चीजें, अरहर या मसूर की दाल, बाजरे का आटा आते हैं। कभी-कभी शरीर भोजन को ठीक से नहीं पचा पाता है। तब आंतों में अपच का प्रदाह उत्पन्न हो जाता है। यदि हम किसी कारणवश मल-मूत्र को रोके रहते हैं तो तब मल दुबारा पचने लगता है और आंतों में सड़न क्रिया आरम्भ हो जाती है। इन सभी कारणों से जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। इन छालों में असहनीय दर्द होता है लगता है जैसे कांटे चुभ रहे हों। मिर्च-मसालेदार चीजें खाने पर इनमें असहनीय दर्द होने लगता है तथा भोजन करना मुश्किल हो जाता है। साधारण भाषा में इसे मुंह का आना कहते हैं। इसके लिए धनिये का मिश्रण बहुत ही लाभकारी इलाज होता है-
इस रोग मे जीभ, तालु व होठों के भीतर छोटी-छोटी फुंसियां या छाले निकल आते हैं। ये दाने लाल व सफेद रंगों के होते हैं। इस रोग में मुंह में लार बार-बार आती है। मुंह में छाले होने पर मुंह से बदबू आने लगती है, छालों में जलन होती है तथा सुई चुभने की तरह दर्द होता है। मुंह में छाले होने पर भोजन करने में कठिनाई होती है। बच्चों के मुंह में छाले होने पर लाल छाले, जीभ लाल व होठ के भीतरी भाग में लाल-लाल दाने निकल आते हैं-
दांतों में गंदगी से भी मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं अत: दिन में 2 से 3 बार दांत साफ करना जरूरी है। भोजन में लालमरसा का साग खायें। मुंह के छाले होने पर 2 केले रोजाना सुबह दही के साथ खायें। छाले होने पर टमाटर अधिक खाने चाहिए। ठण्डी फल व सब्जियां खायें। पेट की कब्ज खत्म करने के लियें सुबह 1 गिलास पानी शौच जाने से पहले पीने से लाभ होता है। भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें। पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें। चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें-
एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, विशेषकर लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से। अधिक मात्रा में एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है। नतीजतन मुँह में छाले पैदा हो जाते हैं-
करे ये उपाय-
नमक और बेकिंग सोडा को चुटकी भर पानी मिलाएं और छाले पर लगाकर 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद पानी से कुल्ला करें-
अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं, इससे तुरंत आराम मिलेगा-
आंवला को उबालकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं। छाला जल्दी ठीक होगा-
नारियल पानी न सिर्फ पेट के लिए अच्छा है बल्कि छालों के दर्द में भी आराम देता है और मुंह को ठंडक पहुंचाता है-
शहद में केला मिलाकर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं और दर्द कम होता है। बहुत अधिक तकलीफ पर इनका पेस्ट बनाकर भी लगाया जा सकता है-
कैमोमाइल नींद उत्प्रेरण करता है और लोगों को मुंह के अंदर छालों के दर्द को महसूस करना भुला देता है । एक मिनट के लिए पानी में इस चाय की बैग भिगोकर छालों पर 5-10 मिनट के लिए रख दें -
लाल मिर्च में कप्सैसिन की उपस्थिति गर्म होती है। लेकिन यह घटक शरीर के भीतर दर्द प्रतिक्रियाओं को कम करता है। यह घटक नासूर घावों के लिए अद्भुत उपाय माना जाता है।लाल मिर्च का पाउडर एक चम्मच गर्म पानी में मिलाएं । इसमें रुई को डुबोकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। राहत पाने के लिए दिन में 2-3 बार इस्तेमाल करें -
दही किण्वित दूध से बनाया गया है| उसके कार्बोहाइड्रेट कार्बनिक अम्ल में बदलने से आप कीटाणुओं से समृद्ध पदार्थ प्राप्त करते हैं। दही विविध रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। मुंह के छाले और नासूर दही खाने से खत्म किये जा सकते हैं । दही का एक बड़ा चम्मच दिन में 3 बार खाएं -
एक बड़ा चम्मच मधुमक्खी के छत्ते का मोम पिघलाकर दो बड़े चम्मच नारियल तेल के साथ मिलाएं और दिन में दो से तीन बार छालों पर लगायें -
बेनाड्रिल और मालोक्स का एक हिस्सा मिलाकर कुल्ला करके थूक दें -
विटामिन ई कैप्सूल का तेल दिन में कई बार लगाने से छाले कम होते हैं -
सौंफ को मुंह में रखकर चबाने से मुंह के छाले, पीब और दाने आदि खत्म हो जाते हैं-
भोजन करने के बाद थोड़ी सौंफ खाने से मुंह में नए छाले नहीं होते हैं-
सौंफ का चूर्ण बनाकर छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं-
जिन लोगों के मुंह में छाले अक्सर होते रहते हैं वे खाने के पश्चात थोड़ी सौंफ खाया करें तो उनके मुंह में छाले नही होते हैं-
छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जबान दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं-
तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें( ऐसा चार पांच दिनों तक करें)
करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा-
मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं-
मुँह में छाले होना एक सामान्य तकलीफ है जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है कुछ लोगों को ये छाले बार-बार होते हैं और परेशान करते हैं ऐसे लोगों को अपनी पूरी डॉक्टरी जाँच करानी चाहिए, ताकि उनके कारणों का पता लगाकर उचित इलाज किया जा सके-
मुँह में छाले होने के कोई एक नहीं बल्कि अनेक कारण हैं ये जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक को छाले हुए हों दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हों कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं-अत्यधिक मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है- क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है तो उसकी प्रतिक्रिया मुँह के छाले के रूप में प्रकट होती है-
भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले पड़ जाते हैं पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं- मुंह में छाले हो जाने पर मुंह में बार-बार लार आता रहता है- कभी-कभी मुंह के छालों से पीब भी निकलने लगती हैं- मुंह को ढकने वाली झिल्ली लाल, फूली और दर्द या जख्म से भरी होती है- इसमें जीभ लाल, फूली हुई और दांत के मसूढ़े फूले हुए होते हैं- तालुमूल में जलन होती रहती है- इस रोग में भोजन चबाने पर छाले व दानों पर लगने से दर्द होता है- पानी पीने व जीभ तालू में लगने से तेज दर्द होता है-
जब पेट के अंदर गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है तो जीभ की ऊपरी परत पर छाले उभर आते हैं। ऐसा उस दशा में होता है जब हम खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। गर्म पदार्थों में आलू, चाट, पकौड़े, अदरक, खट्टी मीठी चीजें, अरहर या मसूर की दाल, बाजरे का आटा आते हैं। कभी-कभी शरीर भोजन को ठीक से नहीं पचा पाता है। तब आंतों में अपच का प्रदाह उत्पन्न हो जाता है। यदि हम किसी कारणवश मल-मूत्र को रोके रहते हैं तो तब मल दुबारा पचने लगता है और आंतों में सड़न क्रिया आरम्भ हो जाती है। इन सभी कारणों से जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। इन छालों में असहनीय दर्द होता है लगता है जैसे कांटे चुभ रहे हों। मिर्च-मसालेदार चीजें खाने पर इनमें असहनीय दर्द होने लगता है तथा भोजन करना मुश्किल हो जाता है। साधारण भाषा में इसे मुंह का आना कहते हैं। इसके लिए धनिये का मिश्रण बहुत ही लाभकारी इलाज होता है-
इस रोग मे जीभ, तालु व होठों के भीतर छोटी-छोटी फुंसियां या छाले निकल आते हैं। ये दाने लाल व सफेद रंगों के होते हैं। इस रोग में मुंह में लार बार-बार आती है। मुंह में छाले होने पर मुंह से बदबू आने लगती है, छालों में जलन होती है तथा सुई चुभने की तरह दर्द होता है। मुंह में छाले होने पर भोजन करने में कठिनाई होती है। बच्चों के मुंह में छाले होने पर लाल छाले, जीभ लाल व होठ के भीतरी भाग में लाल-लाल दाने निकल आते हैं-
दांतों में गंदगी से भी मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं अत: दिन में 2 से 3 बार दांत साफ करना जरूरी है। भोजन में लालमरसा का साग खायें। मुंह के छाले होने पर 2 केले रोजाना सुबह दही के साथ खायें। छाले होने पर टमाटर अधिक खाने चाहिए। ठण्डी फल व सब्जियां खायें। पेट की कब्ज खत्म करने के लियें सुबह 1 गिलास पानी शौच जाने से पहले पीने से लाभ होता है। भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें। पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें। चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें-
एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, विशेषकर लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से। अधिक मात्रा में एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है। नतीजतन मुँह में छाले पैदा हो जाते हैं-
करे ये उपाय-
नमक और बेकिंग सोडा को चुटकी भर पानी मिलाएं और छाले पर लगाकर 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद पानी से कुल्ला करें-
अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं, इससे तुरंत आराम मिलेगा-
आंवला को उबालकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं। छाला जल्दी ठीक होगा-
नारियल पानी न सिर्फ पेट के लिए अच्छा है बल्कि छालों के दर्द में भी आराम देता है और मुंह को ठंडक पहुंचाता है-
शहद में केला मिलाकर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं और दर्द कम होता है। बहुत अधिक तकलीफ पर इनका पेस्ट बनाकर भी लगाया जा सकता है-
कैमोमाइल नींद उत्प्रेरण करता है और लोगों को मुंह के अंदर छालों के दर्द को महसूस करना भुला देता है । एक मिनट के लिए पानी में इस चाय की बैग भिगोकर छालों पर 5-10 मिनट के लिए रख दें -
लाल मिर्च में कप्सैसिन की उपस्थिति गर्म होती है। लेकिन यह घटक शरीर के भीतर दर्द प्रतिक्रियाओं को कम करता है। यह घटक नासूर घावों के लिए अद्भुत उपाय माना जाता है।लाल मिर्च का पाउडर एक चम्मच गर्म पानी में मिलाएं । इसमें रुई को डुबोकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। राहत पाने के लिए दिन में 2-3 बार इस्तेमाल करें -
दही किण्वित दूध से बनाया गया है| उसके कार्बोहाइड्रेट कार्बनिक अम्ल में बदलने से आप कीटाणुओं से समृद्ध पदार्थ प्राप्त करते हैं। दही विविध रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। मुंह के छाले और नासूर दही खाने से खत्म किये जा सकते हैं । दही का एक बड़ा चम्मच दिन में 3 बार खाएं -
एक बड़ा चम्मच मधुमक्खी के छत्ते का मोम पिघलाकर दो बड़े चम्मच नारियल तेल के साथ मिलाएं और दिन में दो से तीन बार छालों पर लगायें -
बेनाड्रिल और मालोक्स का एक हिस्सा मिलाकर कुल्ला करके थूक दें -
विटामिन ई कैप्सूल का तेल दिन में कई बार लगाने से छाले कम होते हैं -
सौंफ को मुंह में रखकर चबाने से मुंह के छाले, पीब और दाने आदि खत्म हो जाते हैं-
भोजन करने के बाद थोड़ी सौंफ खाने से मुंह में नए छाले नहीं होते हैं-
सौंफ का चूर्ण बनाकर छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं-
जिन लोगों के मुंह में छाले अक्सर होते रहते हैं वे खाने के पश्चात थोड़ी सौंफ खाया करें तो उनके मुंह में छाले नही होते हैं-
छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जबान दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं-
तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें( ऐसा चार पांच दिनों तक करें)
करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा-
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