आयुर्वेद में घी को स्वाद बढ़ाने वाला और ऊर्जा प्रदान करने वाला माना गया है।
इसलिए भारतीय घी को सदियों से अपने भोजन का अभिन्न हिस्सा मानते रहे हैं।
घी केवल रसायन ही नहीं यह आंखों की ज्योति को भी बढ़ाता है।
ठंड में इसके सेवन को विशेष लाभदायी माना गया है। इसके अपने गुणों के कारण ही मक्खन की जगह हम इसका उपयोग कर सकते हैं।
दरअसल घी में तीन ऐसी खूबियां हैं, जिनकी वजह से इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
पहली बात यह कि घी में शॉर्ट चेन फैटी एसिड होते हैं, जिसकी वजह से यह पचने में आसान होता है। ये हमारे हॉर्मोन के लिए भी फायदेमंद होते हैं, जबकि मक्खन में लांग चेन फैटी एसिड ज्यादा होते हैं, जो नुकसानदेह होते हैं। घी में केवल कैलोरी ही नहीं होती। इसमें विटामिन ए, डी और कैल्शियम, फॉस्फोरस, मिनरल्स, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व भी होते हैं।
➡ आईए जानते है घी का सेवन करने के कुछ प्रमुख लाभ :
युवावस्था बनाए रखता है : आयुर्वेदिक मान्यता है एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व दिमागी कमजोरी दूर होती है। साथ ही, जवानी हमेशा बनी रहती है। काली गाय के घी से बूढ़े व्यक्ति भी युवा समान हो जाता है। प्रेग्नेंट महिला घी-का सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है।एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है : घी बनाते समय घी के तीन लेयर बन जाते हैं ,पहला लेयर पानी से युक्त होता है, जिसे बाहर निकाल लिया जाता है ,इसके बाद दूध के ठोस भाग को निकाला जाता है, जो अपने पीछे एक सुनहरी सेचुरेटेड चर्बी को छोड़ जाता है। जिसमें कंजुगेटेड लाईनोलीक एसिड पाया जाता है। यह कंजुगेटेड लाईनोलीक एसिड शरीर के संयोजी उतकों को लुब्रीकेट करने व वजन कम होने से रोकने में मददगार के रूप में जाना जाता है। यह भी एक सच है कि, घी एंटीआक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।
जोड़ो के दर्द में काम करता है : जोड़ों का दर्द हो, या हो त्वचा का रूखापन, या कराना हो पंचकर्म शोधन, आयुर्वेद में हर जगह घी का उपयोग निश्चित है। हम जानते हैं, कि हमारा शरीर अधिकतर पानी में घुलनशील हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है, लेकिन घी चर्बी में घुलनशील हानिकारक रसायनों को हमारे आहारनाल से बाहर निकालता है। घी को पचाना आसान होता है, साथ ही इसका शरीर में एल्कलाईन फार्म में होने वाला परिवर्तन बहुत ज्यादा एसिडिक खान-पान के कारण होने वाले पेट की सूजन (गेस्ट्राईटीस ) को भी कम करता है।
आंखों के लिए फायदेमंद है : एक चम्मच गाय के घी में एक चौथाई चम्मच काली मिर्च मिलाकर सुबह खाली पेट व रात को सोते समय खाएं। इसके बाद एक गिलास गर्म दूध पिएं। आंखों की हर तरह की समस्या दूर हो जाएगी।
कैंसर रोधी : गाय के घी में कैंसररोधी गुण पाए जाते हैं। इसके रोजाना सेवन से कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। विशेषकर यह स्तन व आंत के कैंसर में सबसे अच्छे तरीके से काम करता है।
थकान दूर करता है : संभोग के बाद कमजोरी या थकान महसूस हो तो एक गिलास गुनगुने दूध में गाय का घी मिलाकर पी लेने से थकान व कमजोरी बहुत जल्दी दूर हो जाती है।
स्त्रियों की समस्या में लाभदायक : स्त्रियों में प्रदर रोग की समस्या में गाय का घी रामबाण की तरह काम करता है। गाय का घी, काला चना व पिसी चीनी तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बनाकर खाली पेट सेवन करें।
घी और दूध : सर्दियों में दिनभर में एक बार दूध में घी डालकर पीने से सेहत बन जाती है। दवाओं के कारण शरीर में गर्मी होने पर या मुंह में छाले होने पर भी यह रामबाण की तरह काम करता है। खांसी ज्यादा परेशान कर रही हो तो छाती पर गाय का घी मसलें जल्द ही राहत मिलेगी।
इसलिए भारतीय घी को सदियों से अपने भोजन का अभिन्न हिस्सा मानते रहे हैं।
घी केवल रसायन ही नहीं यह आंखों की ज्योति को भी बढ़ाता है।
ठंड में इसके सेवन को विशेष लाभदायी माना गया है। इसके अपने गुणों के कारण ही मक्खन की जगह हम इसका उपयोग कर सकते हैं।
दरअसल घी में तीन ऐसी खूबियां हैं, जिनकी वजह से इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
पहली बात यह कि घी में शॉर्ट चेन फैटी एसिड होते हैं, जिसकी वजह से यह पचने में आसान होता है। ये हमारे हॉर्मोन के लिए भी फायदेमंद होते हैं, जबकि मक्खन में लांग चेन फैटी एसिड ज्यादा होते हैं, जो नुकसानदेह होते हैं। घी में केवल कैलोरी ही नहीं होती। इसमें विटामिन ए, डी और कैल्शियम, फॉस्फोरस, मिनरल्स, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व भी होते हैं।
➡ आईए जानते है घी का सेवन करने के कुछ प्रमुख लाभ :
युवावस्था बनाए रखता है : आयुर्वेदिक मान्यता है एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व दिमागी कमजोरी दूर होती है। साथ ही, जवानी हमेशा बनी रहती है। काली गाय के घी से बूढ़े व्यक्ति भी युवा समान हो जाता है। प्रेग्नेंट महिला घी-का सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है।एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है : घी बनाते समय घी के तीन लेयर बन जाते हैं ,पहला लेयर पानी से युक्त होता है, जिसे बाहर निकाल लिया जाता है ,इसके बाद दूध के ठोस भाग को निकाला जाता है, जो अपने पीछे एक सुनहरी सेचुरेटेड चर्बी को छोड़ जाता है। जिसमें कंजुगेटेड लाईनोलीक एसिड पाया जाता है। यह कंजुगेटेड लाईनोलीक एसिड शरीर के संयोजी उतकों को लुब्रीकेट करने व वजन कम होने से रोकने में मददगार के रूप में जाना जाता है। यह भी एक सच है कि, घी एंटीआक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।
जोड़ो के दर्द में काम करता है : जोड़ों का दर्द हो, या हो त्वचा का रूखापन, या कराना हो पंचकर्म शोधन, आयुर्वेद में हर जगह घी का उपयोग निश्चित है। हम जानते हैं, कि हमारा शरीर अधिकतर पानी में घुलनशील हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है, लेकिन घी चर्बी में घुलनशील हानिकारक रसायनों को हमारे आहारनाल से बाहर निकालता है। घी को पचाना आसान होता है, साथ ही इसका शरीर में एल्कलाईन फार्म में होने वाला परिवर्तन बहुत ज्यादा एसिडिक खान-पान के कारण होने वाले पेट की सूजन (गेस्ट्राईटीस ) को भी कम करता है।
आंखों के लिए फायदेमंद है : एक चम्मच गाय के घी में एक चौथाई चम्मच काली मिर्च मिलाकर सुबह खाली पेट व रात को सोते समय खाएं। इसके बाद एक गिलास गर्म दूध पिएं। आंखों की हर तरह की समस्या दूर हो जाएगी।
कैंसर रोधी : गाय के घी में कैंसररोधी गुण पाए जाते हैं। इसके रोजाना सेवन से कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। विशेषकर यह स्तन व आंत के कैंसर में सबसे अच्छे तरीके से काम करता है।
थकान दूर करता है : संभोग के बाद कमजोरी या थकान महसूस हो तो एक गिलास गुनगुने दूध में गाय का घी मिलाकर पी लेने से थकान व कमजोरी बहुत जल्दी दूर हो जाती है।
स्त्रियों की समस्या में लाभदायक : स्त्रियों में प्रदर रोग की समस्या में गाय का घी रामबाण की तरह काम करता है। गाय का घी, काला चना व पिसी चीनी तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बनाकर खाली पेट सेवन करें।
घी और दूध : सर्दियों में दिनभर में एक बार दूध में घी डालकर पीने से सेहत बन जाती है। दवाओं के कारण शरीर में गर्मी होने पर या मुंह में छाले होने पर भी यह रामबाण की तरह काम करता है। खांसी ज्यादा परेशान कर रही हो तो छाती पर गाय का घी मसलें जल्द ही राहत मिलेगी।
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