Wednesday, 10 August 2016

चिकित्सा :


1. नीम : लगभग 5 ग्राम नीम के पत्तों के रस में लगभग 50 मिलीलीटर तिल का तेल मिलाकर नाक में डालने या सूंघने से दिमाग के कीड़े मर जाते हैं।

2. पीपल : पीपल के पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें और इसमें इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें। लगभग 3 ग्राम की मात्रा में यह औषधि लेकर गाय के दूध में मिलाकर सुबह-शाम खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।

3. धनिया : धनिये के रस को सिर में लगाने से दिमाग (मस्तिष्क) को  शक्ति मिलती है।

4. घी : गाय के घी या बादाम रोगन की सिर पर मालिश करने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।

5. मिश्री : लगभग 50 ग्राम मिश्री और 50 ग्राम शंखपुष्पी रोगी को मिलाकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण 6 ग्राम की मात्रा में सुबह गाय के दूध के साथ खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।

6. त्रिफला : लगभग 200 ग्राम की मात्रा में पिसे हुए त्रिफला में 100 ग्राम खाण्ड मिलाकर 10 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से दिमाग के साथ-साथ हृदय को शक्ति मिलती है।

7. दूध : दूध में 50 मिलीलीटर ब्राह्मी रस को मिलाकर दिन में 3 बार लेने से दिमागी विकार दूर होता है।

8. वायविडंग :

वायविडंग का छिलका निकालकर गूदे का चूर्ण बना लें और इस चूर्ण के बराबर मुलहठी की जड़ का चूर्ण मिलाकर 6 से 10 ग्राम ठंडा पानी के साथ खाने से याद्दाश्त की कमजोरी दूर होती है।
वायविडंग, गिलोय, अपामार्ग का पंचांग, शंखाहूली का पंचांग, मीठा कूट और शतावर की जड़ बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण के बराबर मिश्री मिलाकर रख लें। यह 6 ग्राम शहद या घी मिलाकर चाटने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।

9. मालकांगनी :

पहले दिन मालकांगनी का 1 बीज, दूसरे दिन 2 बीज और तीसरे दिन 3 बीज इसी तरह से 21 दिन तक बीज बढ़ाएं और फिर इसी तरह घटाते हुए एक बीज तक लें। बीजों को निगल कर ऊपर से दूध पीने से दिमाग की कमजोरी नष्ट होती है।
लगभग 3 ग्राम मालकांगनी के चूर्ण को सुबह-शाम �

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