स्टीविया – शुगर और मोटापे में अमृत समान
स्टीविया एक ऐसा आयुर्वेदिक पौधा है जो डायबिटीज और मोटापे जैसी खतरनाक बीमारी से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है
डायबिटीज के मरीजों के लिए मीठा खाना जहर नहीं बनेगा बशर्ते वह खाने के तुरंत बाद आयुर्वेदिक पौधे स्टीविया की कुछ पत्तियों को चबा लें। गन्ने से तीन सौ गुणा अधिक मीठा होने के बावजूद स्टीविया पौधे फैट व शुगर से फ्री है। इतना अधिक मीठा होने के बावजूद यह शुगर को कम तो करता ही है साथ ही इसे रोकने में भी सहायक है।
आइये जाने इसके फायदे।
1.स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है।
2.आयुर्वेद चिकित्सकों की माने तो यदि रोजाना स्टीविया के चार पत्तों का चायपत्ति के रूप में सेवन किया जाए तो यह शुगर और मोटापे के लिए रामबाण की तरह साबित होगा।
3.मौजूदा समय में शुगर, मोटापा, कैलोरी आदि रोग से राहत पाने लिए अयुर्वेद में तीनों मर्ज के लिए हरबल प्लांट स्टीविया पौधे का उल्लेख किया गया है, जिस पर आयुर्वेद चिकित्सकों को अभी भी विश्वास कायम है। उनकी माने तो स्टीविया साइट नाम का एक रसायन होता है, जोकि चीनी से तीन सौ गुना अधिक मीठा होता है, इसे पचाने से शरीर में एंजाइम नहीं होता और न ही ग्लूकोस की मात्रा बढ़ती है। और इसके लगातार सेवन से शुगर पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
4. स्टीविया में आवश्यक खनीजों तथा विटामिन्स होते है। *पूर्णतया कैलोरी शून्य उत्पाद। *इसे पकाया जा सकता है आर्थात इसे चाय, काफी, दूध आदि के साथ उबालकर भी प्रयोग किया जा सकता है। *मधुमेय रोगियों के लिए उपयुक्त है क्योकि यह पेनक्रियाज की बीटा कोशिकाओं पर अपना प्रभाव डालकर उन्हें इन्सुलिन तैयार करने में मदद करता है।
(सटीविया पत्तीयो और मधुमेह नाशक चूर्ण के लिए मुझसे संपर्क कर सकते है
स्टीविया एक ऐसा आयुर्वेदिक पौधा है जो डायबिटीज और मोटापे जैसी खतरनाक बीमारी से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है
डायबिटीज के मरीजों के लिए मीठा खाना जहर नहीं बनेगा बशर्ते वह खाने के तुरंत बाद आयुर्वेदिक पौधे स्टीविया की कुछ पत्तियों को चबा लें। गन्ने से तीन सौ गुणा अधिक मीठा होने के बावजूद स्टीविया पौधे फैट व शुगर से फ्री है। इतना अधिक मीठा होने के बावजूद यह शुगर को कम तो करता ही है साथ ही इसे रोकने में भी सहायक है।
आइये जाने इसके फायदे।
1.स्टीविया बहुत मीठा होता है लेकिन शुगर फ्री होता है। स्टीविया खाने से पैंक्रियाज से इंसुलिन आसानी से मुक्त होता है।
2.आयुर्वेद चिकित्सकों की माने तो यदि रोजाना स्टीविया के चार पत्तों का चायपत्ति के रूप में सेवन किया जाए तो यह शुगर और मोटापे के लिए रामबाण की तरह साबित होगा।
3.मौजूदा समय में शुगर, मोटापा, कैलोरी आदि रोग से राहत पाने लिए अयुर्वेद में तीनों मर्ज के लिए हरबल प्लांट स्टीविया पौधे का उल्लेख किया गया है, जिस पर आयुर्वेद चिकित्सकों को अभी भी विश्वास कायम है। उनकी माने तो स्टीविया साइट नाम का एक रसायन होता है, जोकि चीनी से तीन सौ गुना अधिक मीठा होता है, इसे पचाने से शरीर में एंजाइम नहीं होता और न ही ग्लूकोस की मात्रा बढ़ती है। और इसके लगातार सेवन से शुगर पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
4. स्टीविया में आवश्यक खनीजों तथा विटामिन्स होते है। *पूर्णतया कैलोरी शून्य उत्पाद। *इसे पकाया जा सकता है आर्थात इसे चाय, काफी, दूध आदि के साथ उबालकर भी प्रयोग किया जा सकता है। *मधुमेय रोगियों के लिए उपयुक्त है क्योकि यह पेनक्रियाज की बीटा कोशिकाओं पर अपना प्रभाव डालकर उन्हें इन्सुलिन तैयार करने में मदद करता है।
(सटीविया पत्तीयो और मधुमेह नाशक चूर्ण के लिए मुझसे संपर्क कर सकते है
No comments:
Post a Comment