तवा
गरम कर के सुहागा तवे पर अच्छे से सेक लें और रोगी को खाली पेट खिला दें।
यह प्रयोग तुरंत पेट का फूलना बंद कर देगा। खास कर बच्चों के लिए यह उपाय
अत्यंत उपयोगी है।
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आंतों
की गंदगी दूर करने के लिए तेज पत्तों का काढ़ा पीना अत्यंत गुणकारी होता
है। इसे पीने से शरीर में से पसीना बाहर आने लगता है मल मार्ग से शरीर में
बाधित हुई हवायेँ बाहर निकलनें लगती हैं। और पेट तुरंत सुडौल होने लगता है।
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छाछ
पाचन क्रिया को बहेतर बनाती है। काली मिर्च, जीरा, काला नमक और पीपल का
चूर्ण तैयार कर के उसे छाछ में डाल कर नित्य पीने से पाचन से जुड़ी
समस्यायेँ समाप्त हो जाती हैं और पेट का फूलना भी बंद हो जाता है।
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अरण्ड
की जड़ को अच्छे से साफ कर के, साफ पानी से धो कर उसे पीस लें और उस पीसी
हुई अरण्ड को गरम पानी में उबाल लें। अरण्ड वाले पानी को थोड़ी देर ठंडा
होने दें और फिर उसे गिलास भर पी लें। यह प्रयोग पेट का फूलना रोकता है और
पाचन तंत्र को ठीक करता है।
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नींबू के रस में थोड़ा सौफ मिला लें और फिर उसे किसी साफ शीशी में भर लें।
और फिर उस सौफ को भोजन के बाद थोड़ा थोड़ा खाएं। यह प्रयोग पेट की समस्या दूर करने के लिये अत्यंत कारगर है।
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