हिचकी न रुके तो
* 3 ग्राम की मात्रा में कलौंजी पीसकर, मक्खन मिलाकर सेवन करने से हिचकियां बंद हो जाती है।
* मोर के पंखों के ऊपरी भाग (चंद्र भाग) को काटकर, किसी मिट्टी के पात्र में रखकर, आग पर गर्म करके भस्म बना लें। इस भस्म में मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी बंद होती है।
* पीपली का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम चूर्ण मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी का निवारण होता है।
* हिचकियां आने पर अदरक अथवा सौंठ का चूर्ण आंवला व पीपल के चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर शहद के साथ चटाना चाहिये।
* पुदीने के हरे पत्ते या नींबू चूस लेने पर हिचकी बंद हो जाती है।
* केले की जड पीस कर छानकर रस निकाल लें,इस रस को सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
* सेंधा नमक को पानी या घी में पीसकर सूंघने से हिचकी बन्द हो जाती है।
* सौंठ को गुण में मिलाकर सुंघाने से हिचकी में आराम मिलता है।
* तीन काली मिर्च थोडी सी चीनी या मिश्री का एक टुकडा मुंह में रखकर चबायें,और उसका रस चूंसते रहे,चाहे तो एक घूंट पानी पी सकते है,तत्काल हिचकी बन्द हो जायेगी।
* गिलोय और सौंठ का समभाग चूर्ण लेकर उसे नसवार की तरह सूंघने से हिचकी में आराम मिलेगा।
* मुलहठी का महीन चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है
* चित लेटकर गहरी सांस लें फ़िर थोडी देर सांस को अन्दर रोककर छोड दें,ऐसा दस पन्द्रह बार करें,अपना ध्यान सांस खींचने और छोडने पर रखें,हिचकी बन्द हो जायेगी।
* बडी इलायची पीसकर मिश्री या शहद के साथ चाटने से हिचकी बन्द हो जाती है।
* नीबू में सेंधा नमक लगाकर चाटने से हिचकी रुक जाती है।
* 3 ग्राम की मात्रा में कलौंजी पीसकर, मक्खन मिलाकर सेवन करने से हिचकियां बंद हो जाती है।
* मोर के पंखों के ऊपरी भाग (चंद्र भाग) को काटकर, किसी मिट्टी के पात्र में रखकर, आग पर गर्म करके भस्म बना लें। इस भस्म में मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी बंद होती है।
* पीपली का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम चूर्ण मधु मिलाकर चाटकर खाने से हिचकी का निवारण होता है।
* हिचकियां आने पर अदरक अथवा सौंठ का चूर्ण आंवला व पीपल के चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर शहद के साथ चटाना चाहिये।
* पुदीने के हरे पत्ते या नींबू चूस लेने पर हिचकी बंद हो जाती है।
* केले की जड पीस कर छानकर रस निकाल लें,इस रस को सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
* सेंधा नमक को पानी या घी में पीसकर सूंघने से हिचकी बन्द हो जाती है।
* सौंठ को गुण में मिलाकर सुंघाने से हिचकी में आराम मिलता है।
* तीन काली मिर्च थोडी सी चीनी या मिश्री का एक टुकडा मुंह में रखकर चबायें,और उसका रस चूंसते रहे,चाहे तो एक घूंट पानी पी सकते है,तत्काल हिचकी बन्द हो जायेगी।
* गिलोय और सौंठ का समभाग चूर्ण लेकर उसे नसवार की तरह सूंघने से हिचकी में आराम मिलेगा।
* मुलहठी का महीन चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है
* चित लेटकर गहरी सांस लें फ़िर थोडी देर सांस को अन्दर रोककर छोड दें,ऐसा दस पन्द्रह बार करें,अपना ध्यान सांस खींचने और छोडने पर रखें,हिचकी बन्द हो जायेगी।
* बडी इलायची पीसकर मिश्री या शहद के साथ चाटने से हिचकी बन्द हो जाती है।
* नीबू में सेंधा नमक लगाकर चाटने से हिचकी रुक जाती है।
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