Thursday, 8 September 2016

आपके दिमाग को क्षति पहुचाँ देंगे

हमारा दिमाग हमारे लिए विशेष महत्व रखता है। यह एक तरह का बायो-कम्प्यूटर है जो कि प्रकृति ने हमें दिया है। इसकी संरचना इतनी जटिल है कि आज तक वैज्ञानिक भी इसके कार्य करने के तरीकों का सही तरह पता नहीं लगा पाये हैं। यह एक असाधारण स्टोरेज मशीन है जो कि पूरी तरह कुशल है और बेकार व विपरीत स्थितियों में हमें बचाने के लिए शरीर को कमांड देती है। लेकिन इस आसाधारण मशीन को पूरी देखभाल की आवश्यकता है जैसे कि पोषक खाना, भरपूर ऑक्सीज़न और पर्याप्त आराम।

क्या आप जानते हो कि जब दिमाग की बारीक कोशिकाएं यानि कि नुरोन्स नष्ट हो जाते हैं तो इन्हें ठीक कर पाना मुश्किल है। दिमाग जितना जल्दी क्षतिग्रस्त हो सकता है, इसका इलाज उतना ही कठिन है। इसलिए हम आपको ऐसी स्वास्थ्य ही जीवन ग्रुप मे ऐसी हानिकारक चीजें बता रहे हैं जो कि आपके दिमाग को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं।

  ये है वो खतरनाक आदते जो      
   दिमाग को क्षतिग्रस्त करते है

 नाश्ते को नजरंदाज करना
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चाहे आपको भूख नहीं हो लेकिन सुबह ब्रेकफ़ास्ट नहीं करना अच्छी आदत नहीं है। चूंकि रात का खाना खाये काफी समय हो चुका है इसलिए अगर सुबह समय पर नहीं खाया जाये तो दिमाग में ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है। और दिमाग शुगर से ही सुचारु कार्य करता है। इसलिए अपने शरीर को सुबह नाश्ते से चार्ज नहीं करना अपने दिमाग को मुश्किल में डालना है।

ज्यादा गर्मी दिमाग के लिए सही नहीं
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यदि हम ज्यादा देर तक गर्मी में रहते हैं तो हमें बेचैनी सी होने लगती है। ऐसे में हम ना सोच पाते हैं, ना काम कर पाते हैं। जैसा कि बताया गया है कि हमारे दिमाग को पर्याप्त वेंटिलेशन और पर्याप्त ऑक्सीज़न की आवश्यकता होती है। ज्यादा गर्मी में दिमाग तक ऑक्सीज़न पहुंचाने वाली रक्त वाहनियाँ ठोस हो जाती हैं जिससे रक्त का संचार धीमा हो जाता है। जिससे हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है जब तक कि सही तापमान ना हो जाये।



      स्मोकिंग की आदत
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स्मोकिंग के जहरीले धुए से हमारा दिमाग सिकुड़ जाता है और सही कार्य नहीं करता है। इसके जहरीले तत्व फेफड़ों में इकट्ठे होते हैं और ये रक्त के माध्यम से दिमाग में पहुँचते हैं जिससे अल्जाइमर और अन्य कई दिमाग से संबन्धित खतरनाक बीमारियाँ होती हैं।


   शुगर का ज्यादा सेवन खराब है
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यह सही है कि हमारा दिमाग शुगर से ही काम करता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप दिमाग को ज्यादा चलाने के लिए ज्यादा चीनी खाने लग जाएँ। यह सही तरीका नहीं है। हर चीज के अति बेकार होती है। शुगर की मात्रा ज्यादा होने पर प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व अवशोषित नहीं हो पाते हैं जिससे शरीर और दिमाग दोनों क्षतिग्रस्त होते हैं।


     प्रदूषित हवा में सांस लेना
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जैसा कि बताया गया है दिमाग के सही कार्य करने के लिए ऑक्सीज़न आवश्यक है। लेकिन जब हवा प्रदूषित होती है तो हम सही मात्रा में ऑक्सीज़न नहीं ले पाते हैं और सांस के साथ कई बेकार केमिकल्स शरीर में प्रवेश करते हैं। इससे ऑक्सीज़न कम और ऐसे तत्व शरीर और दिमाग में ज्यादा प्रवेश करते हैं। समय के साथ-साथ ये हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि ज्यादा समय तक ऐसा होता रहा तो खतरनाक बीमारियाँ भी हो सकती हैं।

       पूरी नींद ना ले पाना
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दिमाग के लिए सोना और आराम करना बहुत आवश्यक है ताकि वह अगले दिन सही तरह काम कर सके। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि रात को समय पर सोएँ। यदि आप नहीं सोएँगे तो दिमाग की नसें थक जाएंगी और मृत हो जाएंगी, जिससे कि दिमाग क्षतिग्रस्त हो सकता है और साथ ही दिमाग की कार्य क्षमता भी कम होती है।



   सोते समय सिर को ढंकना
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ऐसा करना आरामदायक है और शरीर को अच्छा लगता है, लेकिन यह सही नहीं है। रात को जब आप सिर ढ़क कर सोते हैं तो आपके शरीर से निकालने वाली कार्बन-डाई-ऑक्साइड शरीर और दिमाग में प्रवेश करती है। इसकी ज्यादा मात्रा दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है।

बीमार होने पर भी दिमागी काम करते
                    रहना
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आपने देखा होगा कि जब भी आपको किसी प्रकार की कोई बीमारी होती है तो आप काम पर और पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसी हालत में आपका दिमाग आपको उस बीमारी से ठीक करने और फिर से कार्य करने योग्य बनाना चाहता है। लेकिन आप उस पर काम का बोझ डाल देते हैं जिससे उसकी कार्य क्षमता पहले से भी ज्यादा कम हो जाती है। इसलिए बीमारी की हालत में डॉक्टर आपको आराम करने की सलाह देते हैं।

      सोच-विचार की कमी
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अपने दिमाग को ठीक करने का तरीका है इसको काम में लेना। यानि किसी विषय पर सोचना। नई सोच और आइडियाज पैदा करना दिमाग के लिए अच्छा है।

 बातचीत की कमी और अकेलापन


अकेले रहना आपकी सोशियल लाइफ के लिए ही  ही नहीं बल्कि आपके दिमाग के लिए भी सही नहीं है। इसलिए जरूरी है कि आप लोगों के बीच बैठें और विभिन्न विषयों पर चर्चा करें। किसी विषय पर बौद्धिक चर्चा करने से दिमाग में नए विचार, नई राय और नए समाधान आएंगे जिससे कि दिमाग स्वस्थ रहेगा।

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