चना - सर्दियों में रोज खाएंगे तो बादाम से ज्यादा असरदार है चना।
हम सिधे या अन्य किसी न किसी रुप मे प्रयोग करते है ।यहाँ तक कि भगवान को भी चने व गुङ का भोग लगाया जाता है। बल व बुद्दी के दाता हनुमानजी का तो प्रिय प्रसाद ही चना व गुङ है। मगर चने के गुण जानने के बाद हमेँ पता चलता है कि इससे अत: ईसकी फसल कहाँ व किस प्रकार ईसकि खेती कहाँ कहाँ होती है ईसके बारे मे भी थोङा बहुत ज्ञान रखना आवश्यक है।
चना बहुत पौष्टिक होता है। चना चाहे भूना हुआ हो या अंकुरित किया हुआ, इसे खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स पाए जाते हैं। चने में 27 और 28 फीसदी फॉस्फोरस और आयरन होता है। यह न केवल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं बल्कि हीमोग्लोबीन बढा कर किडनियों को भी नमक की अधिकता से साफ करते हैं।
एक कटोरा चना खाने से 28 ग्राम रेशा आपके शरीर में जाता है , जिससे पेट संबन्धी सारी शिकायते दूर रहती हैं साथ ही कब्ज हो या फिर पेट का कैंसर, दोनों ही नहीं होते। चने के कई किस्में आती हैं, काला,पीला,छोटे चने,काबुली,सफेद जो मोटे होते हैं।| चने की दो प्रजातियां होती है –
1-काला चना
2-काबुली चना |
आज हम आपको काले चने के विषय में बताएंगे |
आयुर्वेद मे माना गया है कि चना और चने की दाल दोनों के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है।
चने को गरीबों का बादाम कहा जाता है, क्योंकि ये सस्ता होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं। लेकिन इसी सस्ती चीज में बड़ी से बड़ी बीमारियों की लड़ने की क्षमता है। चना खाने से अनेक रोगों की चिकित्सा हो जाती है।
चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है। सर्दियों में चने के आटे का हलवा कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। यह हलवा वात से होने वाले रोगों में व अस्थमा में फायदेमंद होता है। सर्दियों में रोजाना 50 ग्राम चना खाना बादाम से ज्यादा लाभकारी होता है। घोड़े की ताकत से तो आप समझ ही सकते हैं कि उसका भोजन चना कितना ताकतवर होता है । कहावत है चना खाओ घोड़े सी ताकत पाओ।
चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं। चने के सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही दिमाग भी तेज हो जाता है।
1. 25 ग्राम काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज दूर हो जाती है।
2. गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
3. मोटापा घटाने के लिए रोजाना नाश्ते में चना लें।
4. अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
5. गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं।
6. चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है।
7. सर्दियों में चने के आटे का हलवा अस्थमा में फायदेमंद होता है।
8. चने के आटे की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं।
9. भुने हुए चने रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीने से सांस नली के अनेक रोग व कफ दूर हो जाता हैं।
10. शहद मिलाकर पीने से नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
11. चने के पौधे के सूखे पत्तों का धुम्रपान करने से हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।
12. पीलिया में चने की दाल खाने से राहत मिलती है।
13. चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं इसके लगातार सेवन करने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।
14. दस ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शक्कर दोनों मिलाकर 40 दिनों तक खाने से धातु पुष्ट हो जाती है।
15. बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है। रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।
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