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Wednesday, 29 March 2017

नारियल

नारियल का धार्मिक, वैज्ञानिक रहस्य और लाभ

भारतीय धर्म और संस्कृति में नारियल का बहुत महत्व है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। मंदिर में नारियल फोड़ना या चढ़ाने का रिवाज है। दक्षिण भारत में नारियल के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं। कोई यह कह सकता है कि नारियल की अधिकता के कारण ही नारियल को मंदिर में चढ़ाने की रस्म शुरू हुई तो यह उसके अधूरे ज्ञान का परिचय ही मानेंगे, क्योंकि नारियल के अलावा भी बहुत कुछ बहुतायत में होता है।

हिन्दू धर्म में वृक्षों के गुणों और धर्म की अच्छे से पहचान करके ही उसके महत्व को समझते हुए उसे धर्म से जोड़ा गया है। उनमें ही नारियल का पेड़ भी शामिल है।
नारियल ऊर्जा का एक बहुत अच्छा स्रोत है इसलिए आप खाने की जगह चाहें तो नारियल का इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल में प्रोटीन और मिनरल्स के अलावा सभी पौष्टिक तत्व अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

नारियल को 'श्रीफल' भी कहा जाता है। ऐसा इसकी धार्मिक महत्ता के साथ-साथ औषधीय गुणों के कारण कहा जाता है। नारियल में विटामिन, पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। नारियल में वसा और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है इसलिए नारियल मोटापे से भी निजात दिलाने में मदद करता है।

नारियल ऊर्जा का एक बहुत अच्छा स्रोत है इसलिए आप खाने की जगह चाहें तो नारियल का इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल में प्रोटीन और मिनरल्स के अलावा सभी पौष्टिक तत्व अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं।

 🌀 नारियल के लाभ

नारियल कई बीमारियों के इलाज में काम आता है, जैसे हाथ-पैर सुन्न होते हैं तो नारियल का पानी पीना चाहिए। नकसीर हो तो भी इसका पानी लाभदायक होता है। याददाश्त बढ़ाने में भी नारियल की भूमिका होती है। बच्चों को नारियल की गिरी खिलाने उनका दिमाग तेज होता है। नारियल के तेल में नींबू का रस अथवा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करने से भी मुहांसे, दाग-धब्बे समाप्त होते हैं।

मोटापा कम करने में नारियल बहुत फायदेमंद है। मोटे लोगों को नारियल का सेवन करना चाहिए। अनिद्रा रोग में भी यह लाभदायक है। नियमित रूप से रात के खाने के बाद आधा गिलास नारियल का पानी पीना चाहिए। इससे नींद न आने की समस्या खत्म होती है और नींद अच्छी आती है।

नारियल तेल में बादाम को मिलाकर तथा बारीक पीसकर सिर पर लेप लगाना चाहिए। इससे सिरदर्द में तुरंत आराम होता है। बालों में रूसी की समस्या के लिए नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है। पेट में कीड़े होने पर सुबह नाश्ते के समय एक चम्मच पिसा हुआ नारियल का सेवन करने से पेट के कीड़े बहुत जल्दी मर जाते हैं। इस तरह नारियल के अनेक लाभ हैं।

* नारियल में फाइबर अधिक होता है इसलिए कब्ज के रोगियों के लिए यह लाभदायक है।
* नारियल मांसपेशियों को बढ़ाने में भी सहायक होता है।
* नारियल का दूध गले की खराश को ठीक कर देता है।
* नारियल का दूध पेट के अल्सर को ठीक करने में सहायक होता है। नारियल का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है।
* नारियल का पानी उन लोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है जिन्हें किडनी की बीमारी होती है।
* नारियल का पानी हमारे शरीर की त्वचा को भी लाभ पहुंचाता है।
* नारियल का पानी मूत्राशय से संबंधित बीमारियों में काफी राहत देता है।
* जिन लोगों को शुगर होती है उनको भी नारियल का पानी काफी लाभ पहुंचाता है।
* नारियल में पाया जाने वाला आयोडीन थॉयराइड को बढ़ने से रोकता है।

Monday, 27 March 2017

गोंद कतीरा

गोंद कतीरा के गुण और स्वास्थ्य लाभ हैं चौकाने वाले.!!

गोंद कतीरा कतीरा पेड़ से निकाला जाने वाला गोंद है। इसका कांटेदार पेड़ भारत में गर्म पथरीले क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी छाल काटने और टहनियों से जो तरल निकलता है वही जम कर सफ़ेद पीला हो जाता है और पेड़ की गोंद कहलाता है।

गोंद कतीरा तासीर में ठंडा है, इसलिए गर्मी में इसका सेवन करें। सर्दी में सेवन उचित नहीं माना जाता। इसके सेवन से शरीर में ताक़त बनी रहती है पेशाब में जलन और पेशाब सम्बंधित बीमारी में यह रामबाण की तरह काम करता है गोंद कतीरा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।

गुण :-
गोंद कतीरा शरीर के खून को गाढ़ा करता है, हृदय की कठोरता को दूर करता है और आंतों की खराश को दूर करके बलवान बनाता है। यह शरीर से निकलने वाले खून को रोकता है, सांस रोग को दूर करता, खांसी को नष्ट करता व कफ दूर करता है। यह छाती की खरखराहट और फेफड़ों के जख्मों को खत्म करता है। इसका प्रयोग जहर को उतारने के लिए भी किया जाता है विशेषकर गर्म मिजाज वालों व्यक्ति के जहर को। पेशाब की जलन, मासिकस्राव का कम आना, हाथ-पैरों की जलन, सिर की जलन, खुश्की, अधिक प्यास लगना आदि रोग ठीक होते हैं।

गोंद कतीरा के फायदे –
कमजोरी और थकान दूर करे-
थकान, कमजोरी, गर्मी की वजह से चक्कर आना, उल्टी और माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी गोद कतीरा काफी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से प्रात: आधा गिलास दूध में कतीरा गोंद कूटकर डालें और मिश्री डालकर सेवन करें। पित्ती ठीक हो जायेगी।

रक्त की समस्या दूर करे-
गोंद कतीरा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाएं जाते है। गोंद कतीरा शरीर के खून को गाढ़ा करता है। 10 से 20 ग्राम गोंद कतीरा रात को पानी में भिगो दें और सुबह उसी पानी में मिश्री मिलाकर शर्बत बनाकर सेवन करें। इससे रक्त प्रदर दूर होता है।

सिर का दर्द-
लगभग 4 ग्राम मेंहदी के फूल और लगभग 3 ग्राम कतीरा को मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें और सुबह मिश्री के साथ पीस कर पीएं। इससे सिर दर्द के अलावा जलन और सिर के बालों का झड़ना भी बंद होता है।

कण्ठमाला-
2 भाग कतीरा और 2 भाग नानख्वा को बारीक पीसकर धनिये के पत्तों के रस में मिलाकर प्रतिदिन गले पर लेप करने से कंठमाला (गले की गांठ) में आराम मिलता है।
लगभग 10 से 20 ग्राम कतीरा को पानी में फुला लें और फिर इसे मिश्री मिले शर्बत में मिलाकर सुबह-शाम पीएं। इससे गले के रोगों में पूरा लाभ मिलता है।

गर्मी व जलन से छुट्टी-
अगर आपके हाथ-पैरों में जलन की समस्या हो तो 2 चम्मच कतीरा को रात को सोने से पहले 1 गिलास पानी में भिगों दें। सुबह कतीरा के फूल जाने इसको शक्कर के साथ मिलाकर रोजाना खाने से हाथों और पैरों की जलन दूर हो जाती है। अगर शरीर अधिक गर्म महसूस हो तो कतीरा को पानी में भिगोकर मिश्री मिले शर्बत के साथ घोटकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे शरीर की गर्मी दूर होती है। इसके सेवन करने से गर्मियों में लू से बचा जा सकता है।

स्त्री रोग मे फायदेमंद-
कतीरा गोंद का सेवन महिलाओं की समस्याए जैसे बच्चा होने के बाद की कमजोरी,माहवारी की गड़बड़ी या ल्यूकोरिया आदि की समस्या को ठीक करता है। यह कमजोरी और उसके कारण होने वाली शारीरिक अनियमिताओं को ठीक करता है। गोंद कतीरा तथा मिश्र को बराबर की मात्रा में मिलाकर पीस लें और 2 चम्मच की मात्रा में कच्चे दूध के साथ सेवन करें |

टांसिल की समस्या
अगर आपको बार बार टांसिल की समस्या हो जाती है तो  2 भाग कतीरा और 2 भाग नानख्वा को बारीक पीसकर धनिये के पत्तों के रस में मिलाकर रोजाना गले पर लेप करने से आराम मिलता है। लगभग 10 से 20 ग्राम कतीरा को पानी में फुला लें और फिर इसे मिश्री मिले शर्बत में मिलाकर सुबह-शाम पीएं। इससे गले के रोगों में पूरा लाभ मिलेगा |

पैरों की जलन-
गोंद कतीरा रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसमें चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे हाथों-पैरों की जलन दूर होती है। इसका प्रयोग गर्मियों में बहुत ही लाभदायक है।

स्वप्नदोष –
स्वप्नदोष के लिए, करीब ६ ग्राम गोंद कतीरा, रात को एक कप पानी में भिगा दी जाती है। रात भर में यह गोंद फूल जाता है जिसमे मिश्री १२ ग्राम मिलाकर खाया जाता है। १०-१५ दिन तक इसके सेवन से स्वप्न दोष में लाभ होता है।

मूत्ररोग-
10 ग्राम से 20 ग्राम गोंद कतीरा सुबह शाम फुलाकर मिश्री के साथ शर्बत घोटकर पीने से मूत्ररोग में लाभ मिलता है।

Saturday, 16 July 2016

नंगे पैर चलने (Barefoot Walking) के स्वास्थ्य लाभ


*नंगे पाव चलने से होने वाले विविध स्वास्थ्य लाभ की जानकारी निचे दी गयी हैं
1. मानसिक लाभ / Mental:
आपको याद है पिछले दिनों आप कब नंगे पाव चले थे या आपने प्रकृति के स्पर्श का अनुभव कब किया था ? शायद अरसा हो गया होगा। थोड़ी देर भी जमीन पर नंगे पाव चलना दिमाग को सुकून देती हैं। घास पर एड़ी, ओस की बून्द और ठंडी रेत पैरों के जरिये सीधे मन को ठंडक देती हैं। इसके जरिये आपका शरीर सीधे प्रकृति के स्पर्श में आता हैं।
2. शारीरिक लाभ/ Physical:
जूतों की अपेक्षा नंगे पैर चलने से पैरों पर कम जोर पड़ता हैं और जॉइंट्स भी स्वस्थ/हेल्थी रहते हैं। इससे आपके स्नायु भी तरोताजा रहते हैं जो की अक्सर जुटे पहनने से नहीं होता हैं। इससे आप खुद को तरोताजा महसूस करते है और आपका दिमाग भी तेजी से काम करता हैं। जमीं के स्पर्श से सीधा दिमाग का बैलेंस सिस्टम जाग उठता हैं। इससे दिमाग को ताजगी मिलती हैं वह ज्यादा बेहतर तरीके से शरीर बैलेंस कर पाता हैं। गिरने से लगने वाली चोटों से बचने के लिए बुजुर्गों के लिए यह खासतौर से महत्वपूर्ण हैं। नंगे पाव चलने से जहाँ पैर के पोरों के छिद्र खुल जाते है और एक्यूप्रेशर सिस्टम भी काम करता हैं।
3. रक्त प्रवाह/Blood Circulation:
आप अपने शरीर को जितना ज्यादा इस्तेमाल करेंगे वह उतना ही अच्छा रहेंगा। जब आप नंगे पांव चलना शुरू करते हो तब आपके पैर फिर से ताजगी महसूस करते है और पैरों में रक्त प्रवाह बेहतरीन तरीके से होता हैं। जितना ज्यादा बेहतर रक्तप्रवाह उतना कम दर्द और कई बीमारियां दूर रहेंगी।
*4. तनाव / Stress
कई तरह के शोध और अध्ययन से यह पता चला है की पैरों की सबसे निचली तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करने से हम ब्लड प्रेशर और तनाव को कम कर सकते हैं। नंगे पाव चलने से सुख की अनुभूति होती हैं।
*5. नींद / Sleep
रोजाना केवल 5 मिनिट ही अगर आप नंगे पाव आप जमींन पर चलते है तो आप अनुभव करेंगे की आपको हमेशा की तुलना में एक बेहतर नींद आ रही हैं। जमीन या घास को स्पर्श करने से हमें पृथ्वी से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है जिससे तनाव कम होकर बेहतर नींद आती हैं।
नंगे पैर चलते समय क्या एहतियात बरतने चाहिए ?
नंगे पैर चलना भले ही आसान और उपयोगी हो पर फिर भी नंगे पैर चलते समय हमें कुछ एहतियात बरतने चाहिए :
सुबह घास पर अोस में चलना अधिक फायदेमंद होता हैं।
आप अपने शारीरिक क्षमता के अनुसार 5 मिनिट से लेकर 1 घंटे तक भी चल सकते हैं।
चलने के गति आप अपने स्वास्थ्य के अनुसार रखे।
नंगे पैर चलने के पहले अच्छे से देख ले की वह जगह स्वच्छ और सुरक्षित है कि नहीं।
ऐसी जगह नंगे पैर न चले जहां कचरा, जिव-जंतु, नुकीली चीजे, गन्दगी और शरीर के लिए हानिकारक वस्तु हैं।
अगर आपको डायबिटीज है तो नंगे पैर चलने से पहले अच्छे से एहतियात बरते।
पैर को लगी छोटी से चोट गम्भीर परिणाम कर सकती हैं।
अगर पैर में कोई खुली चोट हैं तो नंगे पैर न चले।
नंगे पैर चलकर आने के बाद अपना पैर अच्छे से जरूर साफ़ करे।
"बाजार में भले ही महंगे स्पोर्ट शूज की भरमार हो, लेकिन नंगे पैर चलने के अपने ही फायदे हैं, अपना ही सुकून हैं।"
*जब भी मौका मिले नंगे पाव चलकर तो देखिये।