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Monday, 27 March 2017

गोंद कतीरा

गोंद कतीरा के गुण और स्वास्थ्य लाभ हैं चौकाने वाले.!!

गोंद कतीरा कतीरा पेड़ से निकाला जाने वाला गोंद है। इसका कांटेदार पेड़ भारत में गर्म पथरीले क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी छाल काटने और टहनियों से जो तरल निकलता है वही जम कर सफ़ेद पीला हो जाता है और पेड़ की गोंद कहलाता है।

गोंद कतीरा तासीर में ठंडा है, इसलिए गर्मी में इसका सेवन करें। सर्दी में सेवन उचित नहीं माना जाता। इसके सेवन से शरीर में ताक़त बनी रहती है पेशाब में जलन और पेशाब सम्बंधित बीमारी में यह रामबाण की तरह काम करता है गोंद कतीरा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।

गुण :-
गोंद कतीरा शरीर के खून को गाढ़ा करता है, हृदय की कठोरता को दूर करता है और आंतों की खराश को दूर करके बलवान बनाता है। यह शरीर से निकलने वाले खून को रोकता है, सांस रोग को दूर करता, खांसी को नष्ट करता व कफ दूर करता है। यह छाती की खरखराहट और फेफड़ों के जख्मों को खत्म करता है। इसका प्रयोग जहर को उतारने के लिए भी किया जाता है विशेषकर गर्म मिजाज वालों व्यक्ति के जहर को। पेशाब की जलन, मासिकस्राव का कम आना, हाथ-पैरों की जलन, सिर की जलन, खुश्की, अधिक प्यास लगना आदि रोग ठीक होते हैं।

गोंद कतीरा के फायदे –
कमजोरी और थकान दूर करे-
थकान, कमजोरी, गर्मी की वजह से चक्कर आना, उल्टी और माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी गोद कतीरा काफी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से प्रात: आधा गिलास दूध में कतीरा गोंद कूटकर डालें और मिश्री डालकर सेवन करें। पित्ती ठीक हो जायेगी।

रक्त की समस्या दूर करे-
गोंद कतीरा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाएं जाते है। गोंद कतीरा शरीर के खून को गाढ़ा करता है। 10 से 20 ग्राम गोंद कतीरा रात को पानी में भिगो दें और सुबह उसी पानी में मिश्री मिलाकर शर्बत बनाकर सेवन करें। इससे रक्त प्रदर दूर होता है।

सिर का दर्द-
लगभग 4 ग्राम मेंहदी के फूल और लगभग 3 ग्राम कतीरा को मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें और सुबह मिश्री के साथ पीस कर पीएं। इससे सिर दर्द के अलावा जलन और सिर के बालों का झड़ना भी बंद होता है।

कण्ठमाला-
2 भाग कतीरा और 2 भाग नानख्वा को बारीक पीसकर धनिये के पत्तों के रस में मिलाकर प्रतिदिन गले पर लेप करने से कंठमाला (गले की गांठ) में आराम मिलता है।
लगभग 10 से 20 ग्राम कतीरा को पानी में फुला लें और फिर इसे मिश्री मिले शर्बत में मिलाकर सुबह-शाम पीएं। इससे गले के रोगों में पूरा लाभ मिलता है।

गर्मी व जलन से छुट्टी-
अगर आपके हाथ-पैरों में जलन की समस्या हो तो 2 चम्मच कतीरा को रात को सोने से पहले 1 गिलास पानी में भिगों दें। सुबह कतीरा के फूल जाने इसको शक्कर के साथ मिलाकर रोजाना खाने से हाथों और पैरों की जलन दूर हो जाती है। अगर शरीर अधिक गर्म महसूस हो तो कतीरा को पानी में भिगोकर मिश्री मिले शर्बत के साथ घोटकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे शरीर की गर्मी दूर होती है। इसके सेवन करने से गर्मियों में लू से बचा जा सकता है।

स्त्री रोग मे फायदेमंद-
कतीरा गोंद का सेवन महिलाओं की समस्याए जैसे बच्चा होने के बाद की कमजोरी,माहवारी की गड़बड़ी या ल्यूकोरिया आदि की समस्या को ठीक करता है। यह कमजोरी और उसके कारण होने वाली शारीरिक अनियमिताओं को ठीक करता है। गोंद कतीरा तथा मिश्र को बराबर की मात्रा में मिलाकर पीस लें और 2 चम्मच की मात्रा में कच्चे दूध के साथ सेवन करें |

टांसिल की समस्या
अगर आपको बार बार टांसिल की समस्या हो जाती है तो  2 भाग कतीरा और 2 भाग नानख्वा को बारीक पीसकर धनिये के पत्तों के रस में मिलाकर रोजाना गले पर लेप करने से आराम मिलता है। लगभग 10 से 20 ग्राम कतीरा को पानी में फुला लें और फिर इसे मिश्री मिले शर्बत में मिलाकर सुबह-शाम पीएं। इससे गले के रोगों में पूरा लाभ मिलेगा |

पैरों की जलन-
गोंद कतीरा रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसमें चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे हाथों-पैरों की जलन दूर होती है। इसका प्रयोग गर्मियों में बहुत ही लाभदायक है।

स्वप्नदोष –
स्वप्नदोष के लिए, करीब ६ ग्राम गोंद कतीरा, रात को एक कप पानी में भिगा दी जाती है। रात भर में यह गोंद फूल जाता है जिसमे मिश्री १२ ग्राम मिलाकर खाया जाता है। १०-१५ दिन तक इसके सेवन से स्वप्न दोष में लाभ होता है।

मूत्ररोग-
10 ग्राम से 20 ग्राम गोंद कतीरा सुबह शाम फुलाकर मिश्री के साथ शर्बत घोटकर पीने से मूत्ररोग में लाभ मिलता है।

Wednesday, 22 March 2017

चुकंदर के गुण :

चुकंदर का सबसे ज़्यादा उपयोग सलाद व मिक्‍स जूस में किया जाता है। इसे अंग्रेज़ी में Beetroot (बीटरूट) कहते हैं। इसमें मिलने वाला बीटेन नामक पदार्थ मस्तिष्‍क को शांत रखता है और स्‍नायुयों को आराम पहुंचाता है। इसमें पर्याप्‍त मात्रा में मिलने वाला लौह तत्‍व शरीर में रक्‍त की वृद्धि में सहायक होता है। इसके पत्‍तों का सब्‍ज़ी भी बनाई जाती है। इसलिए आज हम आपको चुकंदर के फ़ायदे बताएंगे।

आयुर्वेद का कहना है कि चुकंदर मधुर, रक्‍तवर्धक, विरेचक व मानसिक विकार दूर करने वाला है। यह दो प्रकार होता है- सफेद व लाल। लाल चुकंदर ज़्यादा गुणकारी है। इसके सेवन से कब्‍ज़, आंतों की सूजन, हृदय रोग, मासिक धर्म की बीमारियों व मुंहासों में लाभ होता है। लहसुन खाने के बाद यदि थोड़ा चुकंदर खा लिया जाए तो मुंह से लहसुन की महक नहीं आती। यदि हाथ में चुकंदर का लाल रंग लग गया है तो उसे छुड़ाने के लिए नींबू रस व नमक का प्रयोग करना चाहिए।

रासायनिक विश्‍लेषकों के अनुसार इसमें 87.7 प्रतिशत नमी, 8.8 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 1.7 प्रतिशत प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत वसा, 0.8 प्रतिशत खनिज तथा 0.9 प्रतिशत रेशा पाया जाता है। 100 ग्राम चुकंदर में 1 मिलीग्राम लोहा तथा 18.3 मिलीग्राम कैल्शियम व 55 मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन बी काम्पलेक्स, विटामिन डी व सी भी मिलता है। चुकंदर में बीटा सायनिन भी मिलता है जो नशे के बाद होने वाले हैंग ओवर को दूर करता है। इसमें मौजूद बोरोन नामक तत्व यौन हारमोन के उत्‍पादन में मदद करता है। आप भी चुकंदर के फ़ायदे उठा सकते हैं।

– चुकंदर के फ़ायदे की बात हो तो इसके नियमित प्रयोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है और कैंसर तथा ट्यूमर आदि की आशंकाएं निर्मूल हो जाती हैं।

– दूध पिलाने वाली महिलाओं के दूध में वृद्धि के लिए चुकंदर का नियमित सेवन लाभकारी है।

– नियमित रूप से चुकंदर का सलाद खाने से पेशाब की परेशानी दूर होती है तथा पेशाब के साथ कैल्शियम का निकलना रुक जाता है।

– चुकंदर का नियमित सेवन कब्‍ज़ व बवासीर आदि बीमारियों से मुक्ति दिलाता है।

– यदि नाखून सफेद हो रहे हैं, उनका रंग उड़ रहा है और वे टूट रहे हैं तो भोजन के साथ प्रतिदिन 100 ग्राम चुकंदर का सेवन करने से लाभ होता है।

– चुकंदर को पानी में उबालकर उसमें हाथ-पैर डुबोकर रखने से हाथ-पैरों का फटना बंद हो जाता है।

चुकंदर के जूस के लाभ

ताज़े चुकंदर के फ़ायदे जानने के साथ साथ आपको चुकंदर के रस के फ़ायदे भी मालूम होने चाहिए। ताकि आप इसके सेवन के लिए प्रेरित हो सकें।

– चुकंदर, गाजर, पपीता व संतरे का जूस मिलाकर दिन में दो बार पीने से ब्‍लड प्रेशर नियंत्रित होता है।

– एक कप चुकंदर जूस सुबह खाली पेट पीने से बार-बार गर्भपात व मासिक धर्म की अनियमिता दूर होती है।

– यदि गर्भवती महिलाएं चुकंदर, गाजर, टमाटर व सेब का जूस मिलाकर पिएं तो उनके शरीर में विटामिन ए, सी व डी तथा लोहे की कमी नहीं होने पाती। यह रक्‍तशोधन भी करता है।

– चुकंदर जूस या सलाद का सेवन गुर्दे के रोगों में लाभ पहुंचाता है।

– एक कप चुकंदर के जूस में एक चम्‍मच नींबू का रस मिलाकर पीने से पाचन शक्ति मज़बूत होती है तथा तथा उल्टी, दस्त, पेचिश व पीलिया रोग में आराम मिलता है।

– एक कप चुकंदर का जूस दिन में तीन बार पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है और स्‍मरण शक्ति बढ़ने के साथ ही मानसिक कमज़ोरी दूर होती है।

– गैस्ट्रिक अल्‍सर में चुकंदर के एक कप जूस में एक चम्‍मच नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।

– चुकंदर, गाजर व खीरे का जूस मिलाकर पीने से गुर्दे व गाल ब्लेडर की सफ़ाई होती है।

– कान के दर्द में चुकंदर का रस गुनगुना गर्म करके डालने से लाभ होता है।

– यदि चुकंदर व टमाटर का रस मिलाकर उसमें एक चम्‍मच हल्‍दी डालकर सेवन किया जाए तो त्‍वचा का रंग निखर आता है।

– चुकंदर के रस में सिरका मिलाकर लगाने से बालों से रूसी विदा हो जाती है।