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Wednesday, 29 March 2017

ॐ (OM)

ॐ (OM)  उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ :

ॐ : 5 अक्षरों से बना है।
अ अ आ उ म् ।
"अ" - अरिहंत
"अ" - अशरीरी अर्थात् सिद्ध
"आ"- आचार्य
"उ" - उपाध्याय
"म् "- मुनि
 इस प्रकारॐ पञ्च परमेष्ठियों द्योतक है। जो कि सम्पूर्ण परमात्मत्व के द्योतक हैं।ॐ का उच्चारण शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है।

● उच्चारण की विधि

प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।

01)  ॐ और थायराॅयडः

ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

02)  *ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

03) *..ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

04)  *ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

5)  ॐ और पाचनः-

ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

06)  ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

07)  ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

08) .ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

09) .ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

10)  ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11)  ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।