Friday, 13 July 2018

Heart Blockage

 हार्ट ब्लॉकइज है तो
          कायाकल्प चुर्ण है कारगर

  रोजाना 50  ग्राम अर्जुन छाल का काढ़ा बनाएं ।
                
                ★कैसे बनाएं काढ़ा★

1 लीटर पानी मे 50 ग्राम अर्जुन छाल डाल कर
तब तक पकाएं, जब तक 500 ग्राम न रह जाए।
रोजाना ऐसा काढ़ा बनाना है।

500 ग्राम काढ़े की 3 खुराक बनाकर एक एक चम्मच कायाकल्प चुर्ण दिन में 3 बार ले।

     सुबह -दुहपर-शाम को 3 बार ले।

50 दिन बाद टेस्ट कराए आप को 70 %फायदा होगा।  पूरे 100 दिन प्रयोग करे।

जाने क्या है

                  सदैव युवा रखने वाला, 
                 शरीर का पूरा कायाकल्प
                 करने वाला सदाबहार चूर्ण
                          ★★★
            कायाकल्प चुर्ण वात पित्त कफ़ 
                 को संतुलित करता है।

*ह्रदय की हर कमजोरी और रोग को ठीक करता है।*

क्या है कायाकल्प चूर्ण
(What is Kayakalpa churan)

कायाकल्प चुर्ण आयुर्वेद की एक पुरानी तकनीक है जिसका प्रयोग दक्षिण भारत के संतो द्वारा जीवन में शक्तियों को बढ़ाने के लिए किया जाता था। 

कायाकल्प चुर्ण के तीन मुख्य लक्ष्य
(Three main Objective of Kayakalpa churan)
कायाकल्प चुर्ण के वैसे तो कई फायदे हैं

लेकिन इसके तीन मुख्य लक्ष्य हैं-

*नशों की कमजोरी को दूर करता है।
• व्यक्ति की सुंदरता एंव स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबे समय तक उन्हें जवानी को बरकरार बनाए रखना।
• नेचुरल एजिंग प्रोसेस को धीमा करना
• आयु बढ़ाना 
• शरीर में कहीं भी गाँठ हो तो यह 15 से 50 दिन 90% लाभ होगा।

●●
क्या है काया कल्प चूर्ण में 
आए जाने -:::

*त्रिफला -250 ग्रा
*इंद्राण से बनी 
हुई अजमायन-200 ग्राम
*गिलोय चूर्ण-100 ग्राम
बेल 200 ग्राम
*अर्जुन छाल चूर्ण -100 ग्राम
* ब्रह्मा बूटी चूर्ण- 100 ग्राम
*शंखपुष्पी चूर्ण-100 ग्राम
*कलौंजी -100 ग्राम
*आवला चूर्ण-100 ग्राम
*नसांदर -100 ग्राम
*अपामर्ग -50 ग्राम
* जटामांसी -50 ग्राम
* सत्यनाशी -50 ग्राम
* काला नमक -50 ग्राम
*सेंधानमक -50 ग्राम
*ऐलोवैरा रस -500 ग्राम 

सभी चूर्ण को एलोवेरा रस में मिलाकर 
सांय मे सुखाय ।

जब सुख जाए तब आप का काया कल्प 
चूर्ण बनकर तैयार हो गया है ।

सेवन विधि - अगर आप बिमार
★★

हार्ट ब्लॉकइज के बारे जाने

हार्ट ब्लॉकेज होने पर व्यक्ति की धड़कने अर्थात Pulses सुचारु तरीके से काम करना बंद कर देती है

 इस प्रकार हार्ट ब्लॉकेज पर व्यक्ति की धड़कने रुक रुक कर चलती है| धड़कनो के रुक रूककर चलने को ही हार्ट ब्लॉकेज कहते है।

 हार्ट ब्लॉकेज की समस्या कुछ लोगो में जन्मजात होती है, लेकिन कुछ लोगो में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या जन्म के बाद बड़े होने पर विकसित हो जाती है।

जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को कोनगेनिटल हार्ट ब्लॉकेज कहते है।

और बड़े होने के होने वाली हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज कहते है।

बड़े होने के बाद हार्ट ब्लॉकेज की समस्या खाने पीने की गलत आदतों और खराब जीवन शैली के चलते बढ़ती जा रही है।

★★

              हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण 
(Heart Blockage Symptoms in Hindi)

हार्ट ब्लॉकेज की तीन डिग्री होती है और इन डिग्री के आधार पैर ही हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान की जाती है।

हार्ट ब्लॉकेज की पहली डिग्री में किसी प्रकार का कोई लक्षण नजर नहीं आता।

हार्ट ब्लॉकेज की दूसरी डिग्री में दिल की धड़कने सामान्य से थोड़ी कम हो जाती है।

हार्ट ब्लॉकेज की तीसरी डिग्री में दिल की धड़कने रुक रूककर धड़कना शुरू कर देती है।

हार्ट ब्लॉकेज के अन्य लक्षण निम्न है –

बार बार चक्कर आना
बार बार सिरदर्द होना
छाती में दर्द होना
सांस फूलना
थकान अधिक होना
बेहोश होना
★★

हार्ट ब्लॉकइज में परहेज

तेल में बने खाद्य पदार्थ
कोल्ड ड्रिंक
डेयरी उत्पाद
धूम्रपान
मक्खन
शराब
घी
★★★

          ★साथ साथ घरेलू नुस्खे जरूर★

★खाने में या सलाद में अलसी के बीजों का इस्तेमाल करें।

★खाने में सामान्य चावल की जगह लाल यीस्ट चावल का इस्तेमाल करें।

◆प्रतिदिन सुबह में 3 से 4 किलोमीटर की सैर करें।

 ★सुबह को लहसुन की एक कली लेने से कोलेस्‍ट्राल कम होता है। 

★खाने में बैंगन का प्रयोग करने से कोलेस्‍ट्राल की मात्रा में कमी आती है।

★प्याज अथवा प्याज के रस का सेवन करने से हृदय गति नियंत्रित होती है। 

★हृदय रोगी को हरी साग-सब्‍जी जैसे लौकी, पालक, बथुआ और मेथी जैसी कम कैलोरी वाली सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। 

 ★घी, मक्खन, मलाईदार दूध और तली हुई चीजों के सेवन से परहेज करें। 

★अदरक अथवा अदरक का रस भी खून का थक्का बनने से रोकने में सहायक होता है। 

★शराब के सेवन और धूम्रपान से बचना चाहिए।

★एक कप दूध में लहसुन की तीन से चार कली डालकर उबालें। इस दूध को रोज पीएं।

★एक गिलास दूध में हल्दी डालकर उबालें और गुनगुना रहने पर शहद डालकर पीएं।

★एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस, काली मिर्च और शहद डालकर पीएं।

★दो से तीन कप अदरक की चाय रोजाना पीएं। इसके लिए पानी में अदरक डालकर उबालें और शहद मिलाकर पीएं।

★मेथी दाने को रात भर पानी में भिगाकर, सुबह मेथी चबाकर खायें और बचा हुआ पानी पी जाएं।

Wednesday, 20 June 2018

IMPORTANT 100 TIPS IT MAY HELP YOU

योग🧘‍♀की कुछ 100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए* :-

1. *रोगी के रोग* की चिकित्सा करने वाले निकृष्ट , रोग के कारणों की चिकित्सा करने वाले औसत और रोग-मुक्त रखने वाले श्रेष्ठ चिकित्सक होते हैं ।
   
2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. *हाई वी पी में* -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।

6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं ।

7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी ।

8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।

10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।

11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14.  *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें,  लोटे का कम  सर्फेसटेन्स होता है ।

16. *अस्थमा , मधुमेह , कैसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।
19. *पथरी* - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 

20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।

21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 

23.  *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

24.  *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

26.  *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है । 

27.  *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।

29.  *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।

31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।

33.  *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।

35.  *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।

36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

37. *व्यायाम* - *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।

39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।

41.  *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।

42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 

43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।

44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।

45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।* 

46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।

47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए । 

48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।

49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 

50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 

51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है । 

52.  *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।

53.  *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।

54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।

55.  हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।

56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।

57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 

58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।

59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।

60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 

61.  *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।

62.  *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।* 

63.  *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए ।

64.  *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*

65.  *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।

66.  *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे  गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।

67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।

68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।

69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।

70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है । 

71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें ।

72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 

73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 
74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।* 

75.  *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।

76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।

77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।

78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए । 
79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 

80.  *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 

81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 

82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*

83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*

84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 

85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 

86 .  *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग । 

87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए । 

88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 

89.  *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं । 

90. *चिंता , क्रोध , ईष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।* 

91.  *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*

92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती  है ।

93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा ।

94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।

95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 

96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 

97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*। 

98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है । 

99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  देशी गाय का घी , गौ-मूत्र भी त्रिदोष नाशक है ।

100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा। लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके ।

*🕉परमार्थ योग🧘‍♀*

Sunday, 17 June 2018

गुर्दे की पथरी में कायाकल्प चुर्ण


●पथरी 5 mm तक की 3 दिन में गुर्दे से बाहर निकल जाती है।

अगर पथरी बड़ी या ज्यादा हो तो 21 दिन कायाकल्प चुर्ण का सेवन करे।

कैसे ले- 50 मिलीलीटर नीबू रस ले 300 ग्राम पानी मे मिलाकर 5 ग्राम दवा ले।
दिन में 4 बार दवा ले।

जब दवा लेगे दर्द तत्काल मिट जाएगा।
★★★
यह 21 दिन का उपयोग होगा।
21 दिन पथरी गुर्दे से बिल्कुल साफ हो जाएगी।
निम्बू पानी से केवल 5 दिन दवा लेनी।
5 दिन के बाद 2 बार सुबह शाम खाने के बाद ताजे पानी से कायाकल्प चुर्ण लेते रहे।
★★

क्या है कायाकल्प चूर्ण
(What is Kayakalpa churan)

कायाकल्प चुर्ण आयुर्वेद की एक पुरानी तकनीक है जिसका प्रयोग दक्षिण भारत के संतो द्वारा जीवन में शक्तियों को बढ़ाने के लिए किया जाता था।

कायाकल्प चुर्ण के तीन मुख्य लक्ष्य

(Three main Objective of Kayakalpa churan)
कायाकल्प चुर्ण के वैसे तो कई फायदे हैं

लेकिन इसके तीन मुख्य लक्ष्य हैं-

*नशों की कमजोरी को दूर करता है।

• व्यक्ति की सुंदरता एंव स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबे समय तक उन्हें जवानी को बरकरार बनाए रखना।

• नेचुरल एजिंग प्रोसेस को धीमा करना
• आयु बढ़ाना

●●
क्या है काया कल्प चूर्ण में 
आए जाने -:::

*त्रिफला -250 ग्रा
*इंद्राण से बनी 
हुई अजमायन-200 ग्राम
*गिलोय चूर्ण-100 गरा
*अर्जुन छाल चूर्ण -100 ग्राम
* ब्रह्मा बूटी चूर्ण- 100 ग्राम
*शंखपुष्पी चूर्ण-100 ग्राम
*कलौंजी -100 ग्राम
*आवला चूर्ण-100 ग्राम
*नसांदर -100 ग्राम
*अपामर्ग -50 ग्राम
* जटामांसी -50 ग्राम
* सत्यनाशी -50 ग्राम
* काला नमक -50 ग्राम
*सेंधानमक -50 ग्राम
*ऐलोवैरा रस -500 ग्राम

सभी चूर्ण को एलोवेरा रस में मिलाकर 
सांय मे सुखाय ।

जब सुख जाए तब आप का काया कल्प 
चूर्ण बनकर तैयार हो गया है ।

विधि अनुसार सेवन करे।