Saturday, 1 April 2017

पंचगव्य

देसी गाय के पंचगव्य का उपयोग
1) खाज, खुजली तथा दाद का निवारन करने हेतु गोबर का प्रयोग भारत में आदीकाल से किया जाता है I
2) देसी गाय के दुध में घी और खडीशक्कर मिलाकर सेवन करने से छोटे बच्चों को माता (देवी) रोग में आराम मिलता है I
3) ग्यारह दिन पिपलवटी देसी गाय के दूध के साथ सेवन करने से तुटी हुयी हड्डी जुड जायेंगी I
4) आधा ग्लास ताजा पाणी में 4 चमचे देसी गाय का गोमूत्र, 2 चमचे शहद, तथा 1 चमच निंबू का रस मिलाकर पिनेसे मोटापा दूर होता है I
5) सर्दी, खांसी के देसी गाय के दूध में हल्दी मिलाकर पिजीए I
1) कोलेस्ट्राल बढ़नेपर हररोज देसी गाय का 10 मिली गोमूत्र सेवन करें I
2) जखम होनेपर देसी गाय का घी लगाने से दुसरे इन्फेक्शन से बचते है I
3) देसी गाय के गोबर का दंतमंजन सबसे अच्छा होता है I
4) आँखो की जलन होनेपर दही की मलाई या मठ्ठे का मक्खन आँखों में पलकोंपर लेप कर सो जाईये I
5) खाज या दराद होनेपर देसी गाय के दूध मे हल्दी मिलाकर लगाइये आराम मिलेगा I
1) आम्लपीत्त होनेपर देसी गाय के दुध में अदरक या सौंठ उबालकर घी डालकर पियें I
2) अनींद्रा होनेपर देसी गाय का गोमूत्र हर दिन सेवन करें I
3) मूकामार लगनेपर देसी गाय के दही में जीरा, काली मिर्च, सैंधव नमक डालकर सेवन करें आराम मिलेगा I
4) देसी गाय की छांछ सेवन करने से अरुची खत्म होती है I
5) देसी गाय के घी में मिरपूड मिलाकर सेवन करने से अलर्जी में खत्म होती है I
1) अनेक आर्ष ग्रंथो में देसी गाय को महत्त्वपूर्ण निम्न प्रकार से बताया गया है I
2) ऋग्वेद - वैभव प्राप्ती के लीए गो सेवा I
3) यजुर्वेद - गाय – कामधेनु I
4) अथर्ववेद - दुग्ध व्दारा पालन पोषण, गाय संपत्ती प्रदान करती है I
5) महाभारत - गाय सर्व श्रेष्ठ, स्वर्ग की सीढ़ी, गाय में इश्वर निवास है I
1) स्मरणशक्ती शक्ती बढ़ाने के लिए, निंद अच्छी आने के लिए देसी गाय का घी एक-एक बुंद नाक में डालें I
2) देसी गाय के गोमूत्र के साथ एरंड तेल एक माह तक पिनेसे संधीवात और अन्य वात विकार दूर होते है I
3) अश्वगंधा चूर्ण 1-1 चमच सबेरे – शाम देसी गाय के दूध के साथ सेवन करने से वजन बढ़ता है I
4) जंगल में चरणेवाली देसी गाय का दूध, घी और शहद सेवन करने से बुढापा दूर होता है I
5) देसी गाय का गोमूत्र विषनाशक (जहर का नाश करणेवाला) है I
1) देसी गाय के गोमूत्र का उपयोग सौदर्यं प्रसाधन साबण बनाने के लिए होता है I
2) त्वचा रुखी हो तो देसी गाय के दूध की मलाई मला किजीए I
3) देसी गाय का मक्खन आँखोंपर लगाने से आँखों की जलन कम होती है I
4) देसी गाय के गोमूत्र से दिन में चार – पाँच बार कुल्ला करने से दातों के रोग नष्ट होते है I
5) जलोदर रोग होनेपर देसी गाय के गोबर में नमक मिलाकर उसका लेप पेट पर लगायें आराम मिलेगा I
1) गाय स्वर्ग और मोक्ष की सीढ़ी है I
2) गाय के बड़े आतडीयों में विटामीन बी जादा रहेता है I
3) गोमाता की करुणा दृष्टीसे समस्त दुखों का शमन होता है I
4) देसी गाय का दान करने से गाय स्वर्गलोक को ले जाती है I
5) हररोज देसी गाय को सबेरे – शाम वंदन करने से मनुष्य के शरीर की ताकद बढ़ती है I
1) देसी गाय का घी ह्रदयरोगी के लिए अमृत है I
2) जलोदर रोग होनेपर रोगी के पेटपर देसी गाय के गोबर का लेप करें I
3) हर दिन देसी गाय का गोमूत्र सेवन करने से मूत्ररोग में आराम मिलता है I
4) देसी गाय के गोमूत्र में कुनकूना पाणी अथवा शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है I
5) कोलेस्ट्रॉल बढ़नेपर एक ग्लास देसी गाय के दूध में अर्जुन की साल का पावडर और गुड मिलाकर पिना चाहीए I
1) थकवा आनेपर एक कप देसी गाय के दूध में शक्कर मिलाकर पियें और १० मिनट शांत बैठे आराम मिलेगा I
2) उलटी – ओंकारी होनेपर देसी गाय का गोमूत्र अर्क सेवन करें I
3) उचकी आनेपर मोहरी का चूर्ण देसी गाय के घी में डालकर चाटें I
4) उच्चरक्तचाप के रोगी को देसी गाय का गोमूत्र बहुत ही लाभकारी है I
5) देसी गाय का पुराना घी उन्माद के लिए रामबाण है I
1) हरा नारीयल पिने से पचन क्षमता बढ़ती है I
2) अदरक की चटनी नमक मिलाकर चाटने से वायूविकार में आराम मिलता है I
3) अजवायन का चूर्ण शहद मिलाकर सेवन करने से बदहजमी दूर होती है I
4) गुलकंद सेवन करने से कफ रोग दूर होता है I
5) कंमर दर्द होनेपर मोहरी का तेल और प्याज का रस से मालीश करें आराम मिलेगा I
1) देसी गाय का दूध अत्यंत गुणकारी है I यह स्फुर्तीदायक एवं कुपोषण दूर करणेवाला एक श्रेष्ठ आहार है I
2) जपान के लोगों ने आण्वीक किरण से मूक्ती गोबर से पाई है I
3) देसी गाय के गोमूत्र का सेवन करने से थायराईड में आराम मिलता है I
4) देसी गाय के मठ्ठे का सेवन करने से अजीर्ण में आराम मिलता है I
5) देसी गाय की मिठी छांछ पिने से पित्त का नाश होता है I
1) कितनी भी ऍसीडीटी हो देसी गाय का घी सेवन करने से दूर होती है I
2) जीसके आहार में देसी गाय का दूध है, उसे कोई भी बिमारी नहीं होती I
3) जखम किंवा जलेहुये स्थानपर देसी गाय का गोमूत्र लगायें आराम मिलेगा I
4) भुक नहीं लगनेपर हर दिन देसी गाय की छांछ एक कटोरी सेवन करें I
5) बाल रेशमी और घुघराले, चिकने, मुलायम, काले, घने और जवान रखने के लिए सप्ताह में दो बार देसी गाय के दही से सीर की मालीश करनी चाहीए I
1) देसी गाय के दही में सोडा मिलाकर पिनेसे कावीळ रोग में आराम मिलता है I
2) देसी गाय के घी को गरम करके २-४ बुंद नाक में डालने से बाल सफेद होना, बाल झडना इ. में लाभ मिलता है I
3) कांजण्या होनेपर देसी गाय के दूध में घी डालकर हररोज सेवन करें आराम मिलेगा I
4) कॉलरा रोग होनेपर पाणी में गोबर और गोमूत्र मिलाकर सेवन करने से आराम मिलता है I
5) कान दुखी होने पर देसी गाय का गोमूत्र २-४ बुंद कान में डाले आराम मिलेगा I
1) देसी गाय के दूध में शतावरी चूर्ण मिलाकर हर दिन सेवन करने से वजन बढ़ता है I
2) शरीर में वात, पित्त, कफ तीनों को संतुलीत करने की ताकद देसी गाय के गोमूत्र में है I
3) देसी गाय का मक्खन धातुवर्धक है I
4) देसी गाय के गोमूत्र में समभाग शक्कर मिलाकर पिनेसे उदर रोग में आराम मिलता है I
5) पंचगव्य घृत से 5 से 10 मिली दिन में दो बार भोजन के पहिले लेने से उन्माद (पागलपन) की बाधा नहीं होती I
1) देसी गाय के गोमूत्र का उपयोग सौदर्यं प्रसाधन साबण बनाने के लिए होता है I
2) त्वचा रुखी हो तो देसी गाय के दूध की मलाई मला किजीए I
3) देसी गाय का मक्खन आँखोंपर लगाने से आँखों की जलन कम होती है I
4) देसी गाय के गोमूत्र से दिन में चार – पाँच बार कुल्ला करने से दातों के रोग नष्ट होते है I
5) जलोदर रोग होनेपर देसी गाय के गोबर में नमक मिलाकर उसका लेप पेट पर लगायें आराम मिलेगा I
1) हलदी एक दवा है जो मधुमेह के मरीज को निरोगी तथा दीर्घायु कर देती है I
2) गुलकंद सेवन करने से उदर रोग और मलध्दता दूर होते है I
3) गरम पाणी में एक निंबू का रस मिलाकर पिने से कब्ज दूर होता है I
4) जिन बच्चों की हाईट कम है, उनको साल भर रोज गेहू के दाने के इतना चुना खाने से हाईट बढ़ती है I
5) सौंठ और उडद उबालकर उसका पानी पिने से लकवा में आराम मिलता है I
1) देसी गाय के पंचगव्य सेवन करने से पिलीया में आराम मिलता है I
2) उंचा सुनने पर मुँह खोलकर कान में गोमय तेल की दो-चार बुँदे डालें I
3) काले रंग की देसी गाय का गोमूत्र कॅन्सर के रोगी को लाभदायक है I
4) खाँसी होनेपर देसी गाय के गोमय धूप की भस्म को शहद के साथ दिन में 3-4 बार चाटे I
5) देसी गाय के गोबर से लिपे हुये घर में प्लेग, कॉलरा आदी भयंकर बिमारीयाँ नहीं होती है I
1) देसी गाय के दूध में हल्दी उबालकर सेवन करने से खांसी कम होती है I
2) देसी गाय के गोबर में पटकी रोग के जंतू नष्ट करने की क्षमता है I
3) कुष्ठरोग होनेपर देसी गाय के दूध में घी डालकर पियें आराम मिलेगा I
4) वात और कफ के रोगी देसी गाय के गोमूत्र का उपयोग सिधा याने बिना पाणी मिलाए करें I
5) कंबर दुखी होनेपर ३ कप मिठ्ठी ताक में २-३ लहसुन का रस मिलाकर सेवन करें आराम मिलेगा I
1) देशी गायीमध्ये रोगांपासून वाचवण्यासाठी रोग प्रतीरोधक क्षमता असते.
2) देशी गायी मध्ये ग्लोब्यूलीनचे स्तर अधीक असते ज्यामूळे शरीराची प्रतीकार क्षमता प्रणाली मजबुत राहते.
3) देशी गायीचे बछडे मोठे होऊन उत्तम प्रकारचे बैल बनतात.
4) देशी गाय सोबत मनुष्य एकाच घरात राहू शकतो, म्हणून गायी जास्तीत जास्त घरासमोर बांधून असतात.
5) पशुधनापासून 40 हजार मेगावॅट अश्वशक्ती तयार होते.
1) जखम किंवा जलेहुये स्थानपर देसी गाय का गोमूत्र लगायें आराम मिलेगा I
2) कितनी भी ऍसीडीटी हो देसी गाय का घी सेवन करने से दूर होती है I
3) जीसके आहार में देसी गाय का दूध है, उसे कोई भी बिमारी नहीं होती I
4) भुक नहीं लगनेपर हर दिन देसी गाय की छांछ एक कटोरी सेवन करें I
5) बाल रेशमी और घुघराले, चिकने, मुलायम, काले, घने और जवान रखने के लिए सप्ताह में दो बार देसी गाय के दही से सीर की मालीश करनी चाहीए I
1) देसी गाय के पंचगव्य सेवन करने से पिलीया में आराम मिलता है I
2) उंचा सुनने पर मुँह खोलकर कान में गोमय तेल की दो-चार बुँदे डालें I
3) काले रंग की देसी गाय का गोमूत्र कॅन्सर के रोगी को लाभदायक है I
4) खाँसी होनेपर देसी गाय के गोमय धूप की भस्म को शहद के साथ दिन में 3-4 बार चाटे I
5) देसी गाय के गोबर से लिपे हुये घर में प्लेग, कॉलरा आदी भयंकर बिमारीयाँ नहीं होती है I
1) पंडूरोग होनेपर च्यवनप्राश 1 चमचा देसी गाय के दुध में डालकर पियें I
2) पित्त होनेपर 4 खजूर देसी गाय के घी में मिलाकर खायें आराम मिलेगा I
3) नाक में देसी गाय का घी डालनेसे नाक की खुश्की दुर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है I
4) देसी गाय के गोमूत्र में सैंधव नमक और राई चुर्ण मिलाकर पिने से उदर रोग नष्ट होता है I
5) देसी गाय का गोमूत्र सेवन करने से खुन में बहेनेवाले दुषीत कीटाणूओंका नाश होता है I
1) देसी गाय के दही में सोडा मिलाकर पिनेसे कावीळ रोग में आराम मिलता है I
2) कानदुखी होनेपर देसी गाय का गोमूत्र २-४ बुंद कान में डाले आराम मिलेगा I
3) कांजण्या होनेपर देसी गाय के दूध में घी डालकर हररोज सेवन करें आराम मिलेगा I
4) कॉलरा रोग होनेपर पाणी में गोबर और गोमूत्र मिलाकर सेवन करने से आराम मिलता है I
5) देसी गाय के घी को गरम करके २-४ बुंद नाक में डालने से बाल सफेद होना, बाल झडना इ. में लाभ मिलता है I
1) स्त्रीयों को कमर दर्द होनेपर देसी गाय के घृत का सेवन करें I
2) कफ और वात में देसी गाय के छांछ को उत्तम माना गया है I
3) देसी गाय का दही हररोज सेवन करने से भुक और पचनशक्ती बढ़ती है I
4) क्षयरोग होनेपर देसी गाय के दुध में 1-1 पंचगव्य मिलाकर सेवन करें आराम मिलेगा I
5) शरीर में खुजली होनेपर देसी गाय के गोमूत्र अर्क में कडूनिंब का पान मिलाकर लेप लगायें आराम मिलेगा I
1) देसी गाय का पुराना घी उन्माद के लिए रामबाण है I
2) उचकी आनेपर मोहरी का चूर्ण देसी गाय के घी में डालकर चाटें I
3) उलटी – ओंकारी होनेपर देसी गाय का गोमूत्र अर्क सेवन करें I
4) उच्चरक्तचाप के रोगी को देसी गाय का गोमूत्र बहुत ही लाभकारी है I
5) थकवा आनेपर एक कप देसी गाय के दूध में शक्कर मिलाकर पियें और १० मिनट शांत बैठे आराम मिलेगा I
1) जीर्ण ज्वर, जुकाम, छाले आदी में देसी गाय का दूध रामबाण इलाज है I
2) शरीरपर देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से मालीश करनेपर चर्मरोग दूर होते है
3) छाती में दूखनेपर देसी गाय के दूध में लहसुन मिलाकर औटाकर पिये आराम मिलेगा I
4) दमा रोग होनेपर देसी गाय का गोमूत्र कमसे कम छह महिने सेवन करें I
5) दाद पर शुध्द देसी गाय का घी मलें व उपर से चुने का पावडर डालें आराम मिलेगा I
1) देसी गाय का घी सेवन करने से मोटापा कम होता है I
2) देसी गाय का दही सेवन करने से कोलेस्ट्रॉलपर नियंत्रण रहेता है I
3) देसी गाय के गोमूत्र कल्प से अमाशय कॅन्सर का इलाज होता है I
4) गले में गाठी दुखनेपर देसी गाय के दुध में हल्दी मिलाकर गरम करके पियें आराम मिलेगा I
5) घेंघा होनेपर देसी गाय के दुध में 10 ग्राम सौंठ चूर्ण उबालकर पिते रहें I
1) प्रतीदिन देसी गाय के दूध के साथ १ आँवले का मुरब्बा लेने से स्मरणशक्ती बढ़ती है I
2) हररोज देसी गाय का 50 मिली गोमूत्र सेवन करने से मोटापा कम होता है I
3) देसी गाय के दूध में कैरोसीट नामक तत्व होता है, जो नेत्र ज्योती को बढ़ाता है I
4) देसी गाय का घी बच्चों, गर्भवती महिलाओं व युवाओं के लिए आवश्यक व लाभदायक है I
5) आम्लपीत्त होनेपर देसी गाय का ताजा गोमूत्र सेवन करें I
1) देसी गाय की छांछ सैंधव नमक के साथ सेवन करने से अर्जीण में आराम मिलता है I
2) देसी गाय का गोमूत्र सेवन करने से वात रोग में आराम मिलता है I
3) देसी गाय का दूध सेवन करने से अशक्तपणा दूर होता है I
4) भोजन के बाद देसी गाय की छांछ सेवन करने से भुक बढ़ती है I
5) बेल की जड़ को पीसकर गोमूत्र लगाकर मिलाने से जूँ की समस्या से निजात मिलती है I
1) आधा कप देसी गाय के गोमूत्र में काला नमक तथा निंबू का रस मिलाकर पिने से गॅस रोग दूर होते है I
2) दो बुंद देसी गाय का घी नाक में सबेरे – शाम दालने से मायग्रेन दूर होता है I
3) अनींद्रा होनेपर देसी गाय के दूध या दही की मलाई लेकर सिर की मालीश करें आराम मिलेगा I
4) हररोज देसी गाय का गोमूत्र ५० मिली सेवन करने से मूळव्याध में आराम मिलता है I
5) देसी गाय का दूध अमृत है, क्युकी शरीर का पोषण करने की ताकत दूध में है I
1) देशी गाय का गोमुत्र हर रोज सेवन करणे से आरोग्य अच्छा रहेता है
2) देशी गाय का ताजा दही बच्चो, बुढो और युवाओं को अमृत समान है I
3) देसी गाय का दही सेवन करने से आम्लपीत्तप में आराम मिलता है I
4) देशी गाय के दुध से निर्बल को बल मिलता है I
5) देशी गाय का दुध दिल को ताकत देता है और नामर्द को मर्दान्गी देता है I
1) देसी गाय का गोमूत्र नियमीत सेवन करने से नपुसकता दूर होती है I
2) देसी गाय के गोबर का सीर्फ गंध लेने से नाक में से खून आना बंद होता है I
3) ह्रदयरोग होनेपर देसी गाय के घी में गुड, सौंठ, अजवाईन मिलाकर खाने से आराम मिलता है I
4) देसी गाय के 5 तोला गोमूत्र में थोडासा नमक मिलाकर सेवन करने से मधूमेह में आराम मिलता है I
5) छोटी पिपली का पावडर और शहद मिलाकर देसी गाय के दूध में पिने से अशक्तपणा दूर होता है I
1) अपचन होनेपर देसी गाय के मठ्ठे का सेवन करें आराम मिलेगा I
2) देसी गाय का गोमूत्र हर दिन सेवन करने से ऍसीडीटी में आराम मिलता है I
3) वायूविकार होनेपर देसी गाय का 1 ग्लास गरम दूध पियें आराम मिलेगा I
4) देसी गाय के गोमूत्र से आँख धोने से नेत्रज्योती बढ़ती है I
5) देसी गाय के घी और दूध सेवन करने से ह्रदय रोग में आराम मिलता है

अनार

अनार के अचूक उपाय

विभिन्न रोगों में उपयोग

1. नाक से खून आना या नकसीर

अनार के रस को नाक में डालने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।अनार के फूल और दूर्वा (दूब नामक घास) के मूल रस को निकालकर नाक में डालने और तालु पर लगाने से गर्मी के कारण नाक से निकलने वाले खून का बहाव तत्काल बंद हो जाता है।100 ग्राम अनार की हरी पत्तियां, 50 ग्राम गेंदे की पत्तियां, 100 ग्राम हरा धनिया और 100 ग्राम हरी दूब (घास) को एक साथ पीसकर पानी में मिलाकर शर्बत बना लें। इस शर्बत को दिन में 4 बार पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।100 मिलीलीटर अनार का रस नकसीर (नाक से खून बहना) के रोगी को कुछ दिनों तक लगातार पिलाने से लाभ होता है।आधे कप खट्टे-मीठे अनार के रस में 2 चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना दोपहर के समय पीने से गर्मी के मौसम की नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।नथुनों में अनार का रस डालने से नाक से खून आना बंद हो जाता है। 7 दिन से अधिक रहने वाला बुखार, एपेन्डीसाइटिस में अनार लाभदायक है।अनार की कली जो निकलते ही हवा के झोंकों से नीचे गिर पड़ती है, अतिसंकोचन और गीलेपन को दूर करने वाली होती है। इनका रस 1-2 बूंद नाक में टपकाने से या सुंघाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है। यह नकसीर के लिए बहुत ही उपयोगी औषधि है।अनार के छिलके को छुहारे के पानी के साथ पीसकर लेप करने से सूजन में तथा इसके सूखे महीन चूर्ण को नाक में टपकाने से नकसीर में लाभ होता है।अनार के पत्तों के काढ़े को या 10 ग्राम रस पिलाने से तथा मस्तक पर लेप करने से नकसीर में लाभ होता है।

पथरी

पथरी :-100% आजमाया हुआ उपाय

गुर्दे और मूत्राशय की पत्थरी तथा जिनको बार बार पत्थरी की शिकायत रहती है उन सब के लिए रामबाण इलाज:-

कई लोगो को अक्सर ही (पत्थरी) स्टोन की समस्या आम ही रहती हैं। बार बार ऑपरेशन करवाने के बाद भी उनको ये समस्या दोबारा हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता हैं क्युकी उनका शरीर भोजन द्वारा ग्रहण किये हुए कैल्शियम को पचा नहीं पाता। और किडनी भी शरीर की गंदगी की सफाई करते समय इसको साफ़ करने में असक्षम हो जाती हैं और यही से ये हमारे मूत्राशय को भी प्रभावित करती हैं।
आयुर्वेद चिकित्सा में किडनी की पथरी का इलाज :-
250 ग्राम कुल्थी कंकड़-पत्थर निकाल कर साफ कर लें। रात में तीन लिटर पानी में भिगो दें। सवेरे भीगी हुई कुल्थी उसी पानी सहित धीमी आग पर चार घंटे पकाएं।

जब एक लिटर पानी रह जाए (जो काले चनों के सूप की तरह होता है) तब नीचे उतार लें। फिर तीस ग्राम से पचास ग्राम (पाचन शक्ति के अनुसार) देशी घी का उसमें छोंक लगाएं। छोंक में थोड़ा-सा सेंधा नमक, काली मिर्च, जीरा, हल्दी डाल सकते हैं। पथरीनाशक औषधि तैयार हो जाती हैं।
आप दिन में कम-से-कम एक बार दोपहर के भोजन के स्थान पर यह सारा सूप पी जाएं। 250 ग्राम पानी अवश्य पिएं।

एक-दो सप्ताह में गुर्दे तथा मूत्राशय की पथरी गल कर बिना ऑपरेशन के बाहर आ जाती है, लगातार सेवन करते रहना राहत देता है।

यदि भोजन के बिना कोई व्यक्ति रह न सके तो सूप के साथ एकाध रोटी लेने में कोई हानि नहीं है।

गुर्दे में सूजन की स्थिति में जितना पानी पी सकें, पीने से दस दिन में गुर्दे का प्रदाह ठीक होता है।

यह कमर-दर्द की भी रामबाण दवा है।

पथरी में ये खाएं:-
कुल्थी के अलावा खीरा, तरबूज के बीज, खरबूजे के बीज, चौलाई का साग, मूली, आंवला, अनन्नास, बथुआ, जौ, मूंग की दाल, गोखरु आदि खाएं। कुल्थी के सेवन के साथ दिन में 6 से 8 गिलास सादा पानी पीना, खासकर गुर्दे की बीमारियों में बहुत हितकारी सिद्ध होता है।

ये न खाएं:-
पालक, टमाटर, बैंगन, चावल, उड़द, लेसदार पदार्थ, सूखे मेवे, चॉकलेट, चाय, मद्यपान, मांसाहार आदि। मूत्र को रोकना नहीं चाहिए। लगातार एक घंटे से अधिक एक आसन पर न बैठें।

इसके साथ ये  उपचार भी करे:-
कुल्थी के पानी के साथ हिमालय ड्रग कंपनी की सिस्टोन की दो गोलियां दिन में 2-3 बार प्रतिदिन लेने से शीघ्र लाभ होता है। कुछ समय तक नियमित सेवन करने से पथरी टूट-टूट कर बाहर निकल जाती है। यह मूत्रमार्ग में पथरी, मूत्र में क्रिस्टल आना, मूत्र में जलन आदि में दी जाती है।