हार्ट ब्लॉकइज है तो
कायाकल्प चुर्ण है कारगर
रोजाना 50 ग्राम अर्जुन छाल का काढ़ा बनाएं ।
★कैसे बनाएं काढ़ा★
1 लीटर पानी मे 50 ग्राम अर्जुन छाल डाल कर
तब तक पकाएं, जब तक 500 ग्राम न रह जाए।
रोजाना ऐसा काढ़ा बनाना है।
500 ग्राम काढ़े की 3 खुराक बनाकर एक एक चम्मच कायाकल्प चुर्ण दिन में 3 बार ले।
सुबह -दुहपर-शाम को 3 बार ले।
50 दिन बाद टेस्ट कराए आप को 70 %फायदा होगा। पूरे 100 दिन प्रयोग करे।
जाने क्या है
सदैव युवा रखने वाला,
शरीर का पूरा कायाकल्प
करने वाला सदाबहार चूर्ण
★★★
कायाकल्प चुर्ण वात पित्त कफ़
को संतुलित करता है।
*ह्रदय की हर कमजोरी और रोग को ठीक करता है।*
क्या है कायाकल्प चूर्ण
(What is Kayakalpa churan)
कायाकल्प
चुर्ण आयुर्वेद की एक पुरानी तकनीक है जिसका प्रयोग दक्षिण भारत के संतो
द्वारा जीवन में शक्तियों को बढ़ाने के लिए किया जाता था।
कायाकल्प चुर्ण के तीन मुख्य लक्ष्य
(Three main Objective of Kayakalpa churan)
कायाकल्प चुर्ण के वैसे तो कई फायदे हैं
लेकिन इसके तीन मुख्य लक्ष्य हैं-
*नशों की कमजोरी को दूर करता है।
• व्यक्ति की सुंदरता एंव स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबे समय तक उन्हें जवानी को बरकरार बनाए रखना।
• नेचुरल एजिंग प्रोसेस को धीमा करना
• आयु बढ़ाना
• शरीर में कहीं भी गाँठ हो तो यह 15 से 50 दिन 90% लाभ होगा।
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क्या है काया कल्प चूर्ण में
आए जाने -:::
*त्रिफला -250 ग्रा
*इंद्राण से बनी
हुई अजमायन-200 ग्राम
*गिलोय चूर्ण-100 ग्राम
बेल 200 ग्राम
*अर्जुन छाल चूर्ण -100 ग्राम
* ब्रह्मा बूटी चूर्ण- 100 ग्राम
*शंखपुष्पी चूर्ण-100 ग्राम
*कलौंजी -100 ग्राम
*आवला चूर्ण-100 ग्राम
*नसांदर -100 ग्राम
*अपामर्ग -50 ग्राम
* जटामांसी -50 ग्राम
* सत्यनाशी -50 ग्राम
* काला नमक -50 ग्राम
*सेंधानमक -50 ग्राम
*ऐलोवैरा रस -500 ग्राम
सभी चूर्ण को एलोवेरा रस में मिलाकर
सांय मे सुखाय ।
जब सुख जाए तब आप का काया कल्प
चूर्ण बनकर तैयार हो गया है ।
सेवन विधि - अगर आप बिमार
★★
हार्ट ब्लॉकइज के बारे जाने
हार्ट ब्लॉकेज होने पर व्यक्ति की धड़कने अर्थात Pulses सुचारु तरीके से काम करना बंद कर देती है
।
इस प्रकार हार्ट ब्लॉकेज पर व्यक्ति की धड़कने रुक रुक कर चलती है| धड़कनो के रुक रूककर चलने को ही हार्ट ब्लॉकेज कहते है।
हार्ट
ब्लॉकेज की समस्या कुछ लोगो में जन्मजात होती है, लेकिन कुछ लोगो में
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या जन्म के बाद बड़े होने पर विकसित हो जाती है।
जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को कोनगेनिटल हार्ट ब्लॉकेज कहते है।
और बड़े होने के होने वाली हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज कहते है।
बड़े होने के बाद हार्ट ब्लॉकेज की समस्या खाने पीने की गलत आदतों और खराब जीवन शैली के चलते बढ़ती जा रही है।
★★
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण
(Heart Blockage Symptoms in Hindi)
हार्ट ब्लॉकेज की तीन डिग्री होती है और इन डिग्री के आधार पैर ही हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान की जाती है।
हार्ट ब्लॉकेज की पहली डिग्री में किसी प्रकार का कोई लक्षण नजर नहीं आता।
हार्ट ब्लॉकेज की दूसरी डिग्री में दिल की धड़कने सामान्य से थोड़ी कम हो जाती है।
हार्ट ब्लॉकेज की तीसरी डिग्री में दिल की धड़कने रुक रूककर धड़कना शुरू कर देती है।
हार्ट ब्लॉकेज के अन्य लक्षण निम्न है –
बार बार चक्कर आना
बार बार सिरदर्द होना
छाती में दर्द होना
सांस फूलना
थकान अधिक होना
बेहोश होना
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हार्ट ब्लॉकइज में परहेज
तेल में बने खाद्य पदार्थ
कोल्ड ड्रिंक
डेयरी उत्पाद
धूम्रपान
मक्खन
शराब
घी
★★★
★साथ साथ घरेलू नुस्खे जरूर★
★खाने में या सलाद में अलसी के बीजों का इस्तेमाल करें।
★खाने में सामान्य चावल की जगह लाल यीस्ट चावल का इस्तेमाल करें।
◆प्रतिदिन सुबह में 3 से 4 किलोमीटर की सैर करें।
★सुबह को लहसुन की एक कली लेने से कोलेस्ट्राल कम होता है।
★खाने में बैंगन का प्रयोग करने से कोलेस्ट्राल की मात्रा में कमी आती है।
★प्याज अथवा प्याज के रस का सेवन करने से हृदय गति नियंत्रित होती है।
★हृदय रोगी को हरी साग-सब्जी जैसे लौकी, पालक, बथुआ और मेथी जैसी कम कैलोरी वाली सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए।
★घी, मक्खन, मलाईदार दूध और तली हुई चीजों के सेवन से परहेज करें।
★अदरक अथवा अदरक का रस भी खून का थक्का बनने से रोकने में सहायक होता है।
★शराब के सेवन और धूम्रपान से बचना चाहिए।
★एक कप दूध में लहसुन की तीन से चार कली डालकर उबालें। इस दूध को रोज पीएं।
★एक गिलास दूध में हल्दी डालकर उबालें और गुनगुना रहने पर शहद डालकर पीएं।
★एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस, काली मिर्च और शहद डालकर पीएं।
★दो से तीन कप अदरक की चाय रोजाना पीएं। इसके लिए पानी में अदरक डालकर उबालें और शहद मिलाकर पीएं।
★मेथी दाने को रात भर पानी में भिगाकर, सुबह मेथी चबाकर खायें और बचा हुआ पानी पी जाएं।