Friday, 16 February 2018

रिफाईनड तेल

 केरल आयुर्वेदिक युनिवर्सिटी आंफ रिसर्च केन्द्र के अनुसार, हर वर्ष 20 लाख लोगों की मौतों का कारण बन गया है... *रिफाईनड तेल*

आखिर भाई राजीव दीक्षित जी के कहें हुए कथन सत्य हो ही गये! 

रिफाईनड तेल से *DNA डैमेज, RNA नष्ट, , हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज, ब्रेन डैमेज, लकवा शुगर(डाईबिटीज), bp नपुंसकता *कैंसर* *हड्डियों का कमजोर हो जाना, जोड़ों में दर्द,कमर दर्द, किडनी डैमेज, लिवर खराब, कोलेस्ट्रोल, आंखों रोशनी कम होना, प्रदर रोग, बांझपन, पाईलस, स्केन त्वचा रोग आदि!. एक हजार रोगों का प्रमुख कारण है।* 

*रिफाईनड तेल बनता कैसे हैं।*

बीजों का छिलके सहित तेल निकाला जाता है, इस विधि में जो भी Impurities तेल में आती है, उन्हें साफ करने वह तेल को स्वाद गंध व कलर रहित करने के लिए रिफाइंड किया जाता है
*वाशिंग*-- वाशिंग करने के लिए पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब व अन्य खतरनाक एसिड इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि Impurities इस बाहर हो जाएं |इस प्रक्रिया मैं तारकोल की तरह गाडा वेस्टेज (Wastage} निकलता है जो कि टायर बनाने में काम आता है। यह तेल ऐसिड के कारण जहर बन गया है। 

*Neutralisation*--तेल के साथ कास्टिक या साबुन को मिक्स करके 180°F पर गर्म किया जाता है। जिससे इस तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

*Bleaching*--इस विधी में P. O. P{प्लास्टर ऑफ पेरिस} /पी. ओ. पी. यह मकान बनाने मे काम ली जाती है/ का उपयोग करके तेल का कलर और मिलाये गये कैमिकल को 130 °F पर गर्म करके साफ किया जाता है! 

*Hydrogenation*-- एक टैंक में तेल के साथ निकोल और हाइड्रोजन को मिक्स करके हिलाया जाता है। इन सारी प्रक्रियाओं में तेल को 7-8 बार गर्म व ठंडा किया जाता है, जिससे तेल में पांलीमर्स बन जाते हैं, उससे पाचन प्रणाली को खतरा होता है और भोजन न पचने से सारी बिमारियां होती हैं। 
*निकेल*एक प्रकार का Catalyst metal (लोहा) होता है जो हमारे शरीर के Respiratory system,  Liver,  skin,  Metabolism,  DNA,  RNA को भंयकर नुकसान पहुंचाता है। 

रिफाईनड तेल के सभी तत्व नष्ट हो जाते हैं और ऐसिड (कैमिकल) मिल जाने से यह भीतरी अंगों को नुकसान पहुंचाता है। 

जयपुर के प्रोफेसर श्री राजेश जी गोयल ने बताया कि, गंदी नाली का पानी पी लें, उससे कुछ भी नहीं होगा क्योंकि हमारे शरीर में प्रति रोधक क्षमता उन बैक्टीरिया को लडकर नष्ट कर देता है, लेकिन रिफाईनड तेल खाने वाला व्यक्ति की अकाल मृत्यु होना निश्चित है! 

*दिलथाम के अब पढे*

*हमारा शरीर करोड़ों Cells (कोशिकाओं) से मिलकर बना है, शरीर को जीवित रखने के लिए पुराने Cells नऐ Cells से Replace होते रहते हैं नये Cells (कोशिकाओं) बनाने के लिए शरीर खुन का उपयोग करता है, यदि हम रिफाईनड तेल का उपयोग करते हैं तो खुन मे Toxins की मात्रा बढ़ जाती है व शरीर को नए सेल बनाने में अवरोध आता है, तो कई प्रकार की बीमारियां जैसे* -— कैंसर *Cancer*,  *Diabetes* मधुमेह, *Heart Attack* हार्ट अटैक, *Kidney Problems* किडनी खराब, 
*Allergies,  Stomach Ulcer,  Premature Aging,  Impotence,  Arthritis,  Depression,  Blood pressure आदि हजारों बिमारियां होगी।*

 रिफाईनड तेल बनाने की प्रक्रिया से तेल बहुत ही मंहगा हो जाता है, तो इसमे पांम आंयल मिक्स किया जाता है! (पांम आंयल सवमं एक धीमी मौत है) 

*सरकार का आदेश*--हमारे देश की पॉलिसी अमरिकी सरकार के इशारे पर चलती है। अमरीका का पांम खपाने के लिए,मनमोहन सरकार ने एक अध्यादेश लागू किया कि, 
प्रत्येक तेल कंपनियों को 40 %
खाद्य तेलों में पांम आंयल मिलाना अनिवार्य है, अन्यथा लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा! 
इससे अमेरिका को बहुत फायदा हुआ, पांम के कारण लोग अधिक बिमार पडने लगे, हार्ट अटैक की संभावना 99 %बढ गई, तो दवाईयां भी अमेरिका की आने लगी, हार्ट मे लगने वाली  स्प्रिंग(पेन की स्प्रिंग से भी छोटा सा छल्ला) , दो लाख रुपये की बिकती हैं, 
यानी कि अमेरिका के दोनो हाथों में लड्डू, पांम भी उनका और दवाईयां भी उनकी! 

*अब तो कई नामी कंपनियों ने पांम से भी सस्ता,, गाड़ी में से निकाला काला आंयल* *(जिसे आप गाडी सर्विस करने वाले के छोड आते हैं)* 
*वह भी रिफाईनड कर के खाद्य तेल में मिलाया जाता है, अनेक बार अखबारों में पकड़े जाने की खबरे आती है।*

सोयाबीन एक दलहन हैं, तिलहन नही... 
दलहन में... मुंग, मोठ, चना, सोयाबीन, व सभी प्रकार की दालें आदि होती है। 
तिलहन में... तिल, सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम,ओलीव आयल, आदि आती है। 
अतः सोयाबीन तेल ,  पेवर पांम आंयल ही होता है। पांम आंयल को रिफाईनड बनाने के लिए सोयाबीन का उपयोग किया जाता है। 
सोयाबीन की एक खासियत होती है कि यह, 
प्रत्येक तरल पदार्थों को सोख लेता है, 
पांम आंयल एक दम काला और गाढ़ा होता है, 
उसमे साबुत सोयाबीन डाल दिया जाता है जिससे सोयाबीन बीज उस पांम आंयल की चिकनाई को सोख लेता है और फिर सोयाबीन की पिसाई होती है, जिससे चिकना पदार्थ तेल तथा आटा अलग अलग हो जाता है, आटा से सोया मंगोडी बनाई जाती है! 
आप चाहें तो किसी भी तेल निकालने वाले के सोयाबीन ले जा कर, उससे तेल निकालने के लिए कहे!महनताना वह एक लाख रुपये  भी देने पर तेल नही निकालेगा, क्योंकि. सोयाबीन का आटा बनता है, तेल नही! 

फॉर्च्यून.. अर्थात.. आप के और आप के परिवार के फ्यूचर का अंत करने वाला. 

सफोला... अर्थात.. सांप के बच्चे को सफोला कहते हैं! 
*5 वर्ष खाने के बाद शरीर जहरीला 
10 वर्ष के बाद.. सफोला (सांप का बच्चा अब सांप बन गया है. 
*15 साल बाद.. मृत्यु... यानी कि सफोला अब अजगर बन गया है और वह अब आप को निगल जायगा.!* 

*पहले के व्यक्ति 90.. 100 वर्ष की उम्र में मरते थे तो उनको मोक्ष की प्राप्ति होती थी, क्योंकि.उनकी सभी इच्छाए पूर्ण हो जाती थी।*

*और आज... अचानक हार्ट अटैक आया और कुछ ही देर में मर गया....?* 
*उसने तो कल के लिए बहुत से सपने देखें है, और अचानक मृत्यु..?* 
अधुरी इच्छाओं से मरने के कारण.. प्रेत योनी मे भटकता है। 

*राम नही किसी को मारता.... न ही यह राम का काम!*
*अपने आप ही मर जाते हैं.... कर कर खोटे काम!!*
गलत खान पान के कारण, अकाल मृत्यु हो जाती है! 

*सकल पदार्थ है जग माही..!*
*कर्म हीन नर पावत नाही..!!* 
अच्छी वस्तुओं का भोग,.. कर्म हीन, व आलसी व्यक्ति संसार की श्रेष्ठ वस्तुओं का सेवन नहीं कर सकता! 

*तन मन धन और आत्मा की तृप्ति के लिए सिर्फ ओलीव आयल ,राइस ब्रान , कच्ची घाणी का तेल, तिल सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम आदि का तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए!* पोस्टीक वर्धक और शरीर को निरोग रखने वाला सिर्फ कच्ची घाणी का निकाला हुआ तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए! 
आज कल सभी कम्पनी.. अपने प्रोडक्ट पर कच्ची घाणी का तेल ही लिखती हैं! 
वह बिल्कुल झूठ है.. सरासर धोखा है! 
कच्ची घाणी का मतलब है कि,, लकड़ी की बनी हुई, औखली और लकडी का ही मुसल होना चाहिए! लोहे का घर्षण नहीं होना चाहिए. इसे कहते हैं.. कच्ची घाणी. 
जिसको बैल के द्वारा चलाया जाता हो! 
आजकल बैल की जगह मोटर लगा दी गई है! 
लेकिन मोटर भी बैल की गती जितनी ही चले! 
लोहे की बड़ी बड़ी सपेलर (मशिने) उनका बेलन लाखों की गती से चलता है जिससे तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं और वे लिखते हैं.. कच्ची घाणी... 
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इस पोस्ट को शेयर किजिए यह लोगों के प्राण बचाने की मुहिम हैं,         यह व्यापार नहीं,,  स्वास्थ्य की सेवा है ।

Tuesday, 13 February 2018

Vitamin D

Vitamin D prevents Osteoporosis,
Depression,
Prostate cancer,
Breast cancer
and even effects -
Dabetes & Obesity..

Vitamin D is perhaps the single most *underrated nutrient* in the world of nutrition. 

That's probably because it's free....
Your body makes it when sunlight touches your skin !!

Drug companies can't sell you sunlight, so there's no promotion of its health benefits..

The truth is, most people don't know the real story on 
*vitamin D and health.*
 So here's an overview taken from an interview between Mike Adams and *Dr.Michael Holick*.

◆ 1. Vitamin D is *produced by your skin* in response to exposure to ultraviolet radiation *from natural sunlight*. 

◆ 2. The healing rays of natural sunlight (that generate vitamin D in your skin) *cannot penetrate glass*. 
So you don't generate vitamin D when sitting in your car or home. 

◆ 3. It is nearly impossible to get adequate amounts of vitamin D from your diet. *Sunlight exposure is the only reliable way* to generate vitamin D in your own body. 

◆ 4. A person would have to drink *ten tall glasses* of vitamin D fortified milk each day just to get minimum levels of vitamin D into their diet. 

◆ 5. The further you live from the equator, the longer exposure you need to the sun in order to generate vitamin D. Canada, the UK and most U.S. States are far from the equator. 

◆ 6. People with dark skin pigmentation may need 20 - 30 times as much exposure to sunlight as fair-skinned people to generate the same amount of vitamin D. 
That's why prostate cancer is epidemic among black men -- it's a simple, but widespread, sunlight deficiency. 

◆ 7. Sufficient levels of vitamin D are *crucial for calcium absorption* in your intestines. Without sufficient vitamin D, your body cannot absorb calcium, rendering calcium supplements useless. 

◆ 8. Chronic vitamin D *deficiency cannot be reversed overnight*: it takes months of vitamin D supplementation and sunlight exposure to rebuild the body's bones and nervous system. 

◆ 9. Even weak *sunscreens (SPF=8) block* your body's ability to generate vitamin D by 95%. This is how sunscreen products actually cause disease -by creating a critical vitamin deficiency in the body. 

◆ 10. It is impossible to generate too much vitamin D in your body from sunlight exposure: your body will self-regulate and only generate what it needs. 

◆ 11. If it hurts to press firmly on your sternum(chest/breast bone), you may be suffering from chronic vitamin D deficiency right now. 

◆ 12. Vitamin D is "activated" in your body by your *kidneys and liver* before it can be used. 

◆ 13. Having kidney disease or liver damage can greatly impair your body's ability to activate circulating vitamin D. 

◆ 14. The sunscreen industry doesn't want you to know that your body actually needs sunlight exposure because that realization would mean lower sales of sunscreen products. 

◆ 15. Even though vitamin D is one of the *most powerful healing chemicals in your body*, your body makes it absolutely free. No prescription required. 

~ Other powerful *antioxidants* with this ability include the 
super fruits like Pomegranates (POM Wonderful juice), 
Acai, Blueberries, etc. 

~ Diseases and conditions cause by vitamin D deficiency:

● Osteoporosis is commonly caused by a lack of vitamin D, which greatly impairs calcium absorption. 

● Sufficient vitamin D prevents 
prostate cancer, 
breast cancer, 
ovarian cancer,
depression, 
colon cancer and
schizophrenia..

● "Rickets" is the name of a bone-wasting disease caused by vitamin D deficiency. 

● Vitamin D deficiency may *exacerbate* type 2 diabetes and impair insulin production in the pancreas.
 
● Obesity impairs vitamin D utilization in the body, meaning obese people *need twice* as much vitamin D. 

● Vitamin D is used around the world to treat *Psoriasis*(a chronic skin disease).
 
● Vitamin D deficiency can cause ~
schizophrenia. 

● Seasonal Affective Disorder is caused by a melatonin imbalance initiated by lack of exposure to sunlight. 

● Chronic vitamin D deficiency is often misdiagnosed as *fibromyalgia* because its symptoms are so similar: *muscle weakness, aches and pains*. 

● Your risk of developing serious diseases like diabetes and cancer is *reduced 50% - 80%*  through simple, sensible exposure to natural *sunlight 2-3 times each week*. 

● Infants who receive vitamin D supplementation (2000 units daily) have an *80% reduced risk* of developing *type 1 diabetes* over the next twenty years.

Thursday, 8 February 2018

Curd Can Be Poisoning

*ज्यादातर लोग नहीं जानते है कि दही कब बन जाता जहर*

Curd Can Be Poisoning ये गलती दही को बना देगी ज़हर | 
वैसे तो दही सबके लिये फायदेमंद होती है लेकिन  रात को खाने से बचना चाहिये। रात के वक्‍त दही शरीर में कफ दोष बढ़ाती है। रात के वक्‍त हमारे शरीर में कफ की प्राकृतिक प्रबलता बढ़ जाती है। इसलिये रात को दही का सेवन नहीं करना चाहिये क्‍योंकि यह समस्‍या को और भी ज्‍यादा बढा देगी जिससे पेट का रोग होगा। विशेषज्ञों की माने तो रात को दही खाना विषाक्‍त हो सकता हैं।
दही टेस्‍ट में खट्टी, तासीर में गर्म और पचाने में भारी होती है। यह वसा, ताकत, कफ, पित्त, पाचन शक्ति बढ़ाती है। शरीर में यदि सूजन आदि हो तो, दही खाने से हमेशा बचना चाहिये क्‍योंकि यह सूजन को और भी ज्‍यादा बढ़ा देती है। ध्‍यान दें, कि यह बात केवल खट्टी दही खाने के बारे में कही जा रही है। खट्टी दही को कभी भी गरम कर के नहीं खाना चाहिये। दही को ना केवल रात में ही बल्‍कि बसंत में भी नहीं खाना चाहिये।
रात के समय दही क्यों नही खाना चाहिए

पाचन क्रिया :

रात को दही खाने से पाचन क्रिया में गड़बड़ी पैदा हो जाती है। इसे पचाने के लिए एनर्जी बर्न करने की जरूरत होती है। रात के समय ज्यादातर लोग खाने के बाद सो जाते है। जिससे दिक्कत बढ़ने लगती है।

खांसी और जुखाम :

रात के समय दही खाने से शरीर में इंफैक्शन होने का डर रहता है। इससे खांसी और जुखाम हो सकता है।

सूजन :

शरीर में कुछ हिस्सों में अगर सूजन है तो रात के समय दही कभी न खाएं। इससे सूजन कम होने की बजाए बढ़ जाएगी।

गठिया या जोड़ों का दर्द :

गठिया या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो रात के समय इसका सेवन करने से परहेज करें। इससे दर्द कम होने की बजाए बढ़ जाएगा।

दही कब, क्यों और कैसे खाना चाहिए

दही खाने का सबसे बढ़िया समय सुबह का है। हाथों पैरों की जलन, पेट की इंफैक्शन, अपच, भूख न लगना, कमजोरी के अलावा और भी बहुत से शिकायतें सुबह दहीं खाने से दूर हो जाती हैं। नाश्ते में दही की एक कटोरी में शक्कर मिलाकर खाने से खून की कमी दूर होती है।
दही को हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां, जैसे अपच, कब्ज, गैस बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, छाछ का उपयोग करना फायदेमंद होता है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है।
दही खाने के फायदे

अनिद्रा :

रात में नींद न आने की परेशानी हो तो रोज खाने के साथ एक कटोरी दही का सेवन करें। धीरे-धीरे यह समस्या दूर हो जाएगी।

पाचन सकती बढ़ता है :

दही का नियमित सेवन शरीर के लिए अमृत के समान माना गया है। यह खून की कमी और कमजोरी दूर करता है। दूध जब दही का रूप ले लेता है तब उसकी शुगर एसिड में बदल जाती है। इससे पाचन में मदद मिलती है। जिन लोगों को भूख कम लगती है। उन लोगों को दही बहुत फायदा करता है।

पेट की गर्मी दूर करते है :

दही की छाछ या लस्सी बनाकर पीने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है। पेट में गड़बड़ होने पर दही के साथ ईसबगोल की भूसी लेने या चावल में दही मिलाकर खाने से दस्त बंद हो जाते हैं। पेट के अन्य रोगों में दही को सेंधा नमक के साथ लेना फायदेमंद होता है।

पेट के रोग : वर्षा परीख

 दही के नियमित सेवन करने से आंतों के रोग और पेट संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं।

दिल के रोग :

दही में दिल के रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की गजब की क्षमता है। यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है और दिल की धड़कन सही बनाए रखती है।

हड्डियों की मजबूती :

दही में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह हड्डियों के विकास में सहायक होता है। साथ ही, दांतों और नाखूनों को भी मजबूत बनाता है। इससे मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है।

जोड़ो का दर्द :

हींग का छौंक लगाकर दही खाने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी है।

बवासीर :

बवासीर रोग से पीड़ित रोगियों को दोपहर के भोजन के बाद एक गिलास छाछ में अजवायन डालकर पीने से फायदा मिलता है

Sunday, 4 February 2018

Iodine Allergy

Iodine is an essential trace element, which is required by the human body for the production of thyroid hormone. Because iodine is so important, it cannot be an allergen. But in some cases, people are intolerant or allergic to substances mixed with it. Research has found that some individuals get an allergic reaction to iodinated radiological contrast media, seafood or a contact allergy to povidone-iodine antiseptic preparations. Adverse reactions to iodine have occurred in the past but more studies are required to get a clear picture.

Causes of Iodine Allergy

Iodinated Antiseptics
Iodinated antiseptics, for example, povidone-iodine are used for the treatment of bacterial infections of the skin. Application of such an antiseptic may cause rashes or irritant dermatitis in individuals who are sensitive to iodine. However, some studies have found that such an allergic reaction is due to the presence of other allergens in the medication and not iodine.
Iodinated Contrast Dye
Radiocontrast materials contain a small amount of free iodide. It is an agent used in X-rays. Iodinated contrast dyes are responsible for various severe reactions in individuals who are allergic to iodine. That is why individuals are often asked before an X-ray if they are allergic to iodine.
Foods Containing Iodine
Seafood contains a high amount of iodine; hence it may cause undesirable symptoms in individuals with iodine sensitivity. However, more studies are required to understand the effect of foods high in iodine in people with iodine allergy.

Iodine Allergy Symptoms and Signs

Some individuals who are highly sensitive to iodine, exhibit symptoms of iodine allergy when exposed to it.
Symptoms on The Face
Symptoms usually start with the lips and progress towards the entire face. A generalized swelling occurs around the eyes and lips.
Skin-Related Symptoms
Symptoms of iodine allergy are commonly seen on the skin. After an exposure to iodine, individuals sensitive to it develop rashes on the skin. In severe cases, it is associated with redness, pain, and bumps on the skin. Such rashes are usually present on the torso.
Respiratory Symptoms
Iodine allergy also affects the respiratory system. Symptoms include:
  • Runny nose
  • Sneezing
  • Wheezing
  • Suffocation or shortness of breath
  • Spasms of the bronchioles
  • Irritation of the throat
Gastrointestinal Symptoms
Exposure to iodine affects the gut and may lead to symptoms such as:
  • Abdominal pain
  • Stomach cramps
  • Nausea
  • Vomiting
  • Diarrhea or loose stools
Anaphylaxis
Such a case requires immediate medical attention because it can be life-threatening. Symptoms include:
  • Loss of consciousness
  • Lightheadedness
  • Low blood pressure
  • Heart palpitations
  • Confusion
  • Dizziness

Myths and Misconceptions

It is believed that shellfish is a rich source of iodine. Hence, consumption of seafood may lead to undesirable symptoms in individuals with iodine allergy. But this is not true. Studies have found that iodine is not an allergen.
It is further believed that having a seafood allergy puts you at an increased risk of developing iodine allergies. But there is no evidence that seafood allergy increases the risk of iodine allergy.
Some studies have even reported that the term ‘iodine allergy’ is imprecise because it designates allergies against different substances such as disinfectants with complexed iodine and contrast media with covalently bound iodine.
There is no clear information, whether iodine from foods is the culprit or iodinated contrast media is the cause of such an allergy.